केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि अंग्रेजों के समय जनता पुलिस की वर्दी देखकर ही डर जाती थी, लेकिन अब पुलिस और जनता के बीच दोस्ताना संबंध बढ़ रहा है। पुलिस जितनी विनम्र और शालीन होगी, आम लोग उतना ही उससे जुड़कर अपनी समस्याएं बताने में सहूलियत महसूस करेंगे। सिंह ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के 69वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि ये बातें कहीं। कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी, पूर्व पुलिस आयुक्त एमबी कौशल, टीआर कक्कड़, बीके गुप्ता सहित सभी आला अधिकारी मौजूद थे।
गृह मंत्री ने कहा कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली राजनीतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियों के साथ-साथ विरोध प्रदर्शन का भी केंद्र बिंदु है।
वीआइपी सुरक्षा के साथ-साथ आम जनता की अपेक्षाएं भी दिल्ली पुलिस से बढ़ी हैं। इस हालत में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नई तकनीकों को अपनी कार्यशैली में शामिल करना दिल्ली पुलिस के लिए कारगर साबित हुआ है। सिंह ने कहा कि बीते 20 महीनों में दिल्ली पुलिस नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरी उतरी है और इसके लिए आयुक्त बीएस बस्सी प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपने बर्ताव में विनम्रता के साथ कठोरता बरतने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि मर्यादित व्यवहार एक कुशल व बहादुर पुलिसकर्मी का परिचय है और बदसलूकी व अमर्यादित व्यवहार कायरता की निशानी है।
सिंह ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में पुलिस की जो छवि जनता के मन में थी, आज की छवि उसके विपरीत और इसे बरकरार रखने की जरूरत है ताकि जनता और पुलिस में मित्रता का भाव हमेशा बना रहे। सिंह ने दिल्ली पुलिस के महिलाओं के प्रति उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मामले में हिम्मत ऐप सहित कई अहम फैसले और योजनाएं शुरू की गई हैं। कई बार दुर्भाग्यवश ऐसी कोई वारदात हो जाती है जो शर्मसार करने वाली होती है। उसे रोकने के लिए हमें और ज्यादा सचेत और जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने देश भर में पुलिस बलों में 33 फीसद महिलाओं की भागीदारी की वकालत करते हुए कहा कि दिल्ली में पूर्वोत्तर राज्यों के नौजवानों की भर्ती को निभाकर दिल्ली पुलिस ने अपने वायदे को पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि देश के अन्य भागों में घटने वाली घटनाओं का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर राजधानी पर पड़ता है। इस मामले में दिल्ली पुलिस को अपनी कार्य-कुशलता, तकनीक और कार्यशैली से अन्य राज्यों की पुलिस के सामने एक उदाहरण भी पेश करना चाहिए और जरूरत पड़े तो दूसरे राज्यों की पुलिस की कार्यशैली का अनुसरण भी करना चाहिए।
उन्होंने बीते साल ढाई करोड़ की लूट को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस का नाम लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड्स में दर्ज होने पर खुशी जताई और कहा कि पुलिस आतंकवाद से लड़ने के साथ-साथ आंतकी वारदातों से जूझने में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने ट्रैफिक प्रबंधन और डिजिटाइजेशन की भी तारीफ की और आने वाले समय में इस पर ज्यादा ध्यान देने पर बल दिया। सिंह ने उल्लेखनीय कार्यों के लिए कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को ट्रॉफी देकर सम्मानित भी किया।