Congress MP Balu Dhanorkar Passes Away: कांग्रेस सांसद सुरेश उर्फ बालू धानोरकर का मंगलवार (30 मई, 2023) को तड़के दिल्ली के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। धानोरकर महाराष्ट्र के अकेले कांग्रेस सांसद थे, जो चंद्रपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने दी। धानोरकर ने शनिवार को नागपुर के एक अस्पताल में गुर्दे की पथरी का इलाज कराया था। हालांकि, हालत गंभीर होने के कारण उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह पिछले दो दिनों से वेंटीलेटर पर थे, लेकिन मंगलवार तड़के उनका निधन हो गया।
लोकसभा स्पीकर ने जताया दुख
कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर के निधन पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दुख व्यक्त किया है। ओम बिरला ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सांसद बालूभाऊ धानोरकर जी का निधन दुखद है। जनता से गहरा जुड़ाव रखते हुए उन्होंने आमजन की आशाओं को सदन तक पहुंचाने और पूरा करने के लिए स्वयं को समर्पित किया। उनका निधन हम सब के लिए अपूरणीय क्षति है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ॐ शांति!’
चार दिन पहले हुआ था पिता का निधन
बालू धानोरकर के परिवार में पत्नी विधायक प्रतिभा और दो बच्चे हैं। धानोरकर के पार्थिव शरीर को दोपहर तक वरोरा लाया जाएगा। दोपहर 2 बजे से 31 मई की सुबह 10 बजे तक उनके निवास में अंतिम दर्शन किए जाएंगे। सुबह 11 बजे वाणी-वरोरा बाईपास मार्ग स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा। बालू धानोरकर के पिता नारायण धानोरकर का चार दिन पहले निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार के समय सांसद धानोरकर का नागपुर में इलाज चल रहा था। पिता-पुत्र की मौत ने पूरे धानोरकर परिवार हिला के रख दिया है।
2014 में पहली बार शिवसेना के टिकट पर चुने गए थे विधायक
बालू धानोरकर चंद्रपुर जिले के भद्रावती गांव के रहने वाले थे। 2009 में शिवसेना ने उन्हें इस सीट से टिकट दिया था, लेकिन वो जीत हासिल नहीं कर सके थे। इसके बाद बालू धानोरकर ने विभिन्न आंदोलनों और संगठनात्मक भवन के माध्यम से शिवसेना के लिए निर्वाचन क्षेत्र का समर्थन किया। 2014 के विधानसभा चुनावों में वह वरोरा-भद्रावती सीट से शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए थे। धानोरकर का जन्म 4 मई 1975 को यवतमाल जिले में हुआ था। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना से हुई थी।
महाराष्ट्र में कांग्रेस के इकलौते सांसद थे बालू धानोरकर
बालू धानोरकर अभी 48 साल के ही थे। ऐसे में एक युवा नेता का समय से पहले चला जाना परिवार के साथ-साथ राजनीतिक क्षेत्र के लिए भी बड़ी क्षति है। 2019 के लोकसभा चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वे अपने सांगठनिक कौशल और जनसंपर्क के दम पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। उनके रहते कांग्रेस महाराष्ट्र में खाता खोलने में सफल रही थी।