अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन की तारीख में कुछ ही दिन शेष है। इसके लिए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर अयोध्या में 3 अगस्त से किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लग जाएगी। भूमि पूजन के लिए अयोध्या आ रहे पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी अयोध्या पहुंचे हुए हैं। अधिकारियों ने सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार किया है।
स्थानीय लोगों को भूमि पूजन वाले दिन कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए उन्हें आईडी कार्ड दिखाने के बाद प्रवेश दिया जाएगा। 3 अगस्त से ही ये व्यवस्था लागू हो जाएगी। श्री राम मंदिर की नींव बाबा विश्वनाथ को अर्पित शेषनाग पर तैयार होगी। शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में रजत शेषनाग का पूजन हुआ।
क्या है पीएम मोदी के दौरे का प्लान: अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को किया जाना है।इस दौरान पीएम मोदी 11 बजकर 15 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे। पीएम सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाएंगे और वहां दर्शन करेंगे। इसके बाद पीएम रामलला का दर्शन करेंगे, जिसके बाद भूमिपूजन का कार्यक्रम होगा।
इस दौरान मंच पर सिर्फ पांच लोग ही मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास। पीएम मोदी दो घंटे से ज्यादा का वक्त भगवान की नगरी अयोध्या में बिताएंगे। पीएम मोदी दोपहर 2 बजे अयोध्या से रवाना हो जाएंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइंस का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा मंदिर आंदोलन से जुडे़ पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा सहित तमाम नेताओं और साधु संतों को आमंत्रित किया गया है।
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर अपने मूल मॉडल की अपेक्षा करीब दोगुने आकार का होगा। मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य शुरू हो जाने के बाद अगले तीन साल में परियोजना पूरी हो जाएगी। सोमपुरा के अनुसार, अब राम मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर शिखर होगा। मंदिर की ऊंचाई पहले से अधिक होगी।