पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। वह भी ऐसे तब जब राज्य में चुनाव को अब छह महीने से कुछ ज्यादा समय ही बचा है। इस बीच जहां नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली में गांधी परिवार से मुलाकात कर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने तरीकों से समर्थन जुटा रहे हैं। गुरुवार को कैप्टन ने इसी सिलसिले में कुछ हिंदू नेताओं के साथ खाने पर बातचीत की। बताया गया है कि इन नेताओं ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद किसी हिंदू को दिए जाने की बात कही। साथ ही सिद्धू को इस पद पर बिठाए जाने की अटकलों के खिलाफ आवाज उठाई।
बैठक में उठी सिद्धू के खिलाफ आवाज: गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में प्रियंका और राहुल गांधी से मिलने के बाद ये चर्चा उठ रही है कि उन्हें राज्य में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद दिया जा सकता है। हालांकि, इस पर कोई फैसला होने से पहले ही अमरिंदर सिंह ने यह बैठक कर हाई-कमांड को संदेश भेजने की कोशिश की कि वे सिद्धू को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले ही अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दी है। बताया गया है कि पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के लिए जिन दो नामों का प्रस्ताव अमरिंदर सिंह ने भेजा है, उनमें एक नाम लोकसभा सांसद मनीष तिवारी का है, जबकि दूसरा नाम राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री विजय इंदर सिंगला का है। सूत्रों का कहना है कि कैप्टन के साथ बैठक में पार्टी के हिंदू नेताओं ने भी सिद्धू को पंजाब प्रदेशाध्यक्ष न स्वीकार करने का संकल्प लिया।
हिंदुओं को बराबर प्रतिनिधित्व देने की भी मांग: बताया गया है कि बैठक में हिंदू नेताओं ने पंजाब सीएम के सामने कई मुद्दे उठाए। इनमें जाट सिख नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए ज्यादा सीटें मिलने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर पार्टी की गैरमौजूदगी और विधायकों और मंत्रियों का सिर्फ कुछ नेताओं को सुनने का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। इसके अलावा कई नेताओं ने सीएम से हिंदुओं और सिखों को बराबर प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाते हुए पार्टी अध्यक्ष का पद किसी हिंदू को देने के लिए कहा।
चौंकाने वाली बात यह है कि मौजूदा PPCC प्रमुख सुनील कुमार जाखड़ जो कि खुद भी हिंदू हैं, उन्हें सीएम की इस बैठक में न्योता नहीं दिया गया था। मालवा के एक नेता ने बताया कि लंच के दौरान कई हिंदू नेताओं ने सीएम से कहा कि वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। तकरीबन 15 सीटें जहां पहले हिंदू नेताओं ने चुनाव लड़े, अब वो जाट सिख नेताओं को सौंप दी गई हैं। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान सीएम से मांग की गई कि पीसीसी का अध्यक्ष किसी हिंदू को बनाया जाना चाहिए।

