भाजपा के पूर्व विधायकों और पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मिला और उन्हें दिल्ली विधानसभा में संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर बिलों के पेश किए जाने के साथ विपक्ष की आवाज को दबाने के प्रयासों के बारे में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा के वर्तमान सत्र में दिल्ली स्कूल एजुकेशन (संशोधन) बिल, दिल्ली स्कूल (फीस) बिल, वर्किंग जर्नालिस्ट एंड अदर न्यूजपेपर एम्पलाई बिल, कोड आफ क्रिमिनल प्रोसिजर बिल, मिनिमम बेजिज बिल, दिल्ली स्कूल यूनिवर्सिटी बिल, दिल्ली लोकपाल बिल को पेश करने के पहले विधानसभा कार्य सूची नियम 55 (1)(ए) के तहत अनिवार्य तौर पर केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति लेना चाहिए पर राजनीतिक हठधर्मी के चलते आप सरकार ने इसका पालन नहीं किया है।

पूर्व विधायकों में कहा है कि भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा को संख्या बल का उपयोग करते हुए सदन से अनैतिक रूप से निष्काषित कर दिया गया है। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को भी बार-बार सदन में बोलने से रोका जाता रहा है, निष्काषित भी किया गया है। सत्ताधारी दल के एक विधायक पंकज पुष्कर को भी सदन में ऐसे ही अपमान को झेलना पड़ा है क्योंकि वे कुछ संशोधन चाहते रहे हैं। अपने ही विधायक तक को संशोधन न लाने देना या कुछ बोलने से रोकना दर्शाता है कि वर्तमान सरकार विरोध का सामना बिलकुल नहीं करना चाहती। दिल्ली सरकार द्वारा संविधान की धारा 239 एए के नियमों का पालन बिलकुल नहीं किया जा रहा है और ऐसा लगता है कि दिल्ली संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रही है।

ज्ञापन सौंपने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जगदीश मुखी और साहब सिंह चौहान ने पत्रकारों से कहा कि हमने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे जनता के व्यापक हित में और संविधान के सम्मान के मद्देनजर विधानसभा में चल रही गतिविधियों की समीक्षा लें और दिल्ली सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को संवैधानिक प्रक्रिया के पालन का निर्देश दें।
उपराज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में जगदीश मुखी, साहब सिंह चौहान, नंदकिशोर गर्ग, आरपी सिंह, पवन शर्मा, सरदार एमएस धीर, मोहन सिंह बिष्ट, सुभाष सचदेवा, मनोज शौकीन, सतप्रकाश राणा, एससीएल गुप्ता, नीलदमन खत्री, जितेंद्र सिंह शंटी, प्रद्युम्न राजपूत, राजेश गहलोत, अनिल शर्मा, अनिल झा, रंजीत कश्यप, जितेंद्र महाजन, महेंद्र नागपाल, विनोद कुमार बिन्नी और आशीष सूद, रेखा गुप्ता, मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर आदि शामिल थे।