अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद साथी और तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडे ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है कि वो आगामी दिल्ली विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी में दूसरी पार्टी से नेताओं से आने का सिलसिला चल रहा है वहीं दूसरी ओर दिलीप पांडे जैसे पार्टी के मजबूत नेता चुनाव लड़ने से खुद मना कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को कहा है कि वो पार्टी में रहकर प्रचार प्रसार का काम करते रहेंगे। इससे पहले 5 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
विधानसभा चीफ व्हिप है दिलीप पांडे
दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी चीफ व्हिप दिलीप पांडे वर्तमान में तिमारपुर से विधायक हैं। उनको पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का काफी भरोसेमंद माना जाता है। ऐसे में पार्टी को अब जहां तिमारपुर से नए चेहरे पर दांव लगाना होगा।
दिलीप पांडे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मेरे लिए राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही रहा है कि हमारी सरकार की वजह से बहुत सारे आम लोगों का, गरीब लोगों का जीवन आसान हुआ, बहुत सारे बच्चों की ज़िंदगी के बेहतर होने की संभावनाएं प्रबल हुई। राजनीति में पहले संगठन निर्माण और फिर चुनाव लड़ने के दायित्व का निर्वहन करने बाद, अब समय है आम आदमी पार्टी में ही रह कर कुछ और करने का।’
अवध ओझा लड़ सकते हैं चुनाव
इसके साथ ही पांडे ने लिखा ‘तिमारपुर विधानसभा में चुनाव जो भी लड़े, दिल्ली के मुख्यमंत्री तो केजरीवाल ही बनेंगे, और हम सभी दिल्ली वाले मिल कर यह सुनिश्चित भी करेंगे।’ इसके अलावा पांडे ने अपनी आगामी किताब को लेकर भी जानकारी साझा की।
दिलीप पांडे की विधानसभा तिमारपुर के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास के इलाके आते हैं। इसके साथ ही मुखर्जी नगर, इंदिरा विहार, नेहरू विहार जैसे इलाके हैं। इन सभी क्षेत्रों में यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र रहते हैं। इस वजह से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि दिलीप पांडे के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में तिमारपुर से मशहूर शिक्षक अवध ओझा आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।
अवध ओझा ने बीते दिनों आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। हालांकि अवध ओझा को लेकर ये भी बात कही जा रही है कि वो मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से चुनाव लड़ सकते हैं। पढ़ें अवध ओझा सेलिब्रिटी टीचर बनने की कहानी