दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असंतुष्ट नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी के शीर्ष पदों से हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सीमाएं लांघी गयी थीं और साजिशें रची गयीं।

केजरीवाल ने असंतुष्ट नेता अजीत झा और आनंद कुमार के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर अफसोस प्रकट किया जिसका खुलासा एक ऑडियो स्टिंग में हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इंसान हूं और मैं गलतियां करता हूं। मैं नाराज था। इस तरह की भाषा से बचा जा सकता था।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री आप नेता आशुतोष की पुस्तक ‘द क्राउन प्रिंस, द ग्लेडियेटर एंड द होप’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने इस तरह की धारणा को भी खारिज करने का प्रयास किया कि पार्टी में विरोधाभासी विचारों की कोई जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना गलत होगा कि आशुतोष, मनीष सिसौदिया और कुमार विश्वास हर चीज पर सहमत हो जाते हैं। उन सभी ने अपना कॅरियर छोड़ा है और सबकुछ ताक पर रख कर हमारे साथ आ गये।’’

केजरीवाल ने कहा, ‘‘लेकिन सबकुछ गरिमा के साथ होता है। एक सीमा होती है। चहारदीवारी में हम बहस करते हैं और झगड़ते हैं लेकिन बाहर हम एक टीम हैं। जब सीमाएं लांघी जाती हैं तो पीड़ा होती है।’’

आप संयोजक ने कहा कि पिछले साल जून में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वह इसलिए रो पड़े थे क्योंकि साजिशें रची जा रहीं थीं और निजी हमले किये जा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘संभवत: मेरे लिए इसे भावनात्मक रूप से संभाल पाना मुश्किल था। इस वजह से मैं भावुक हो गया।’’

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