दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्‍म करने के लिए 550 करोड़ रुपए का लोन देने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने अपील की है कि अब एमसीडी कर्मचारी हड़ताल तोड़ दें। इसके साथ ही केजरीवाल ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्‍होंने मांग की है कि एमसीडी में हुए घोटालों की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।

बेंगलुरू में इलाज करा रहे केजरीवाल ने सोमवार सुबह ट्वीट किया था, ‘हमने एमसीडी हड़ताल का समाधान ढूंढ़ने का प्रयास किया है। इसकी घोषणा हम तीन बजे करेंगे। उम्मीद है कि इससे हर कोई संतुष्ट होगा और हड़ताल खत्म हो जाएगी।’ केजरीवाल की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए श्रम संगठनों के नेताओं ने कहा था कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि मुख्यमंत्री नगर निगम में वेतन संकट का कोई स्थायी समाधान पेश कर सकेंगे।

इससे पहले कामगारों ने आज भी राजधानी की मुख्य सड़कों पर जाम लगाया, जिससे व्यस्त समय में यातायात बाधित रहा, जबकि दिल्ली सरकार ने कहा कि जिस प्रदर्शन से महानगर त्रस्त है वह राजनीतिक है और ये सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है। सफाईकर्मियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 और विकास मार्ग सहित विभिन्न हिस्से में बड़े रास्तों को जाम कर दिया, जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने सड़कों पर कूड़ा फैला दिया और टायर जलाए।

उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्‍ली सरकार से कहा था कि वह नगर निगम को सशर्त कर्ज दे। उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने ट्वीट किया, ‘अगर दिसम्बर तक का वेतन भुगतान किया गया है तो फिर हड़ताल क्यों?’

सोमवार को आरएसएस के भारतीय मजदूर संघ से जुड़े सफाई कर्मचारी संघ ने जैन के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। जैन ने प्रदर्शन में भाजपा शासित निगमों के पार्षदों और महापौर की भूमिका पर सवाल उठाए। तीनों नगर निकाय ने कल दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि कर्मचारियों को दिसम्बर 2015 तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है।