दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार सिर्फ बिजली कंपनियों को आए दिन धमकाने का नाटक कर रही है। केजरीवाल सरकार निजी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि बिजली चली जाने पर बिजली कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को हर्जाना देने का सर्कुलर डीईआरसी ने जारी कर दिया है। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसके प्रभावकारी क्रियान्वयन के लिए कोई ढांचा घोषित नहीं किया है। इससे बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं को हर्जाना देने के लिए नियम, उपनियम और कंपनियों को शिकायत करने के लिए कोई सार्वजनिक टेलीफोन नम्बर या कॉल सेंटर न होने से इस सर्कुलर का भी वही हाल होगा, जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के जमाने में हुआ था।
गुप्ता ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को हर्जाना देने के लिए विवश करने के लिए बिजली हर्जाना प्रकोष्ठ गठित करना चाहिए। इस प्रकोष्ठ का अध्यक्ष हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को बनाया जाए। प्रकोष्ठ में और उपभोक्ताओं के संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए ताकि बिजली कंपनियों पर कानूनी लगाम लगाई जा सके।
उन्होंने कहा कि कंपनियां अपनी सारी ऊर्जा उपभोक्ताओं का आर्थिक दोहन करने और खातों में हेरा-फेरी करके घाटा दिखाने तक ही सीमित रहीं। सरकारों ने भी कंपनियों के खिलाफ कोई कार्यवाही निजीकरण 14 साल बीतने पर भी नहीं किया। बिजली के दाम चार गुना तक बढ़ाए गए लेकिन बिजली कटौती से आजतक छुटकारा नहीं मिला है।

