कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत और कई अन्य किसान आज भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनका कहना है कि आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। राकेश टिकैत ने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी कम होने के बाद वह उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। इसी मुद्दे पर कुछ समय पहले रिपब्लिक भारत पर बहस के दौरान अर्णब गोस्वामी ने योगी आदित्यनाथ की बात का उदाहरण दिया।

अर्णब गोस्वामी ने कहा, टिकैत साहब आप पहली बार हमारे कार्यक्रम में आए हैं। ये लोग मुझे बोलने ही नहीं देते। अर्णब ने कहा, मैं सीधा बात करने वाला आदमी हूं। आपको बुरा लग सकता है। आपने कहा था कि संशोधन वाला रास्ता मंजूर नहीं है। आपको दिल्ली से मुंबई जाना है तो आप किसी भी रास्ते से जाएं आप वहीं पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि रास्ता बातचीत से ही निकल सकता है। आप जो चाहते थे, वो मिल गया। अब आप क्यों अड़े हुए हैं?

राकेश टिकैत ने कहा था, सरकार एक शब्द नहीं डाल रही है कानून में। इससे सरकार का क्या चला जाएगा। बीच में अर्णब कहने लगे, आप प्राइवेट कंपनियों से लिखित चाहते हैं कि एमएसपी के अलावा अनाज की खरीद नहीं होगी? तभी राकेश टिकैत ने कहा, आप गलत बोल रहे हैं, फिर गलत बोल रहैं। गलत बात सुनना भी अच्छा नहीं है। कानून में यह होना चाहिए कि एमएसपी से नीचे कोई भी खरीद नहीं करेगा, अगर ऐसा करेगा तो सजा मिलेगी।

इसके बाद अर्णब गोस्वामी कहने लगे, आप कह रहे हैं कि कानून वापस लो। अगर सरकार कानून वापस ले ले तो क्या आपको एमएसपी की गारंटी मिलेगी। फिर से टिकैत कहने लगे, ये कानून तो अलग से बनेगा। उन कानूनों को वापस लेकर कानून बने।

यह सारी बहस हालांकि बेनतीजा रही। राकेश टिकैत अपनी बात पर अड़े रहे। सरकार और किसानों के बीच कई राउंड की बातचीत भी हुई लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया। बीच में कोरोना की दूसरी लहर आ गई और लोगों का ध्यान इस मुद्दे से हट गया। हालांकि किसान अब भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।