उत्‍तर प्रदेश के अपना दल (कृष्‍णा गुट) की नेता पल्‍लवी पटेल ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए अजीबो गरीब बयान दे डाला। उनसे जब पूछा गया कि कोरोना फैल रहा और चुनावी कार्यक्रमों में न कोई मास्‍क लगा रहा है, न कोई सुरक्षा के इंतजाम हैं तो पल्‍लवी पटेल ने जवाब दिया कि कोरोना जैसी कोई चीज नहीं है, ये बस एक चुनावी जुमला बनकर रह गया है। जहां-जहां चुनाव आता है, वहां ये कोरोना का फैक्‍टर उठा दिया जाता है। कभी नाइट लॉकडाउन और कभी डे लॉकडाउन… कुछ न कुछ कर दिया जाता है।

साइंस की स्‍टूडेंट रही हैं पल्‍लवी पटेल

पल्‍लवी पटेल की बात जाए तो वह साइंस की स्‍टूडेंट रही हैं। उन्‍होंने बायो-टेक्‍नोलॉजी में पीजी किया हुआ है। वह अनुप्रिया से एक साल बड़ी है। उन्‍होंने सब्जियों और फलों पर लगने वाले फंगस पर डॉक्‍रेट भी किया हुआ है। वह 2008 से सक्रिय में राजनीति में हैं।

छोटी बहन अनुप्रिया के साथ है सियासी अदावत

उत्‍तर प्रदेश की अपना दल पार्टी की स्‍थापना सोनेलाल पटेल ने की थी। 2009 में उनकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी तीसरी बेटी अनुप्रिया पटेल ने पार्टी की कमान संभाल ली। लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट, एमिटी से एमए और कानुपर यूनिवर्सिटी से एमबीए कर चुकीं अनुप्रिया पटेल 33 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बनीं। 2016 में नरेंद्र मोदी की सरकार में जब मंत्रिमंडल विस्‍तार हुआ तो वह युवा चेहरे के तौर भी शामिल की गईं। बस यहीं से पटेल परिवार में बवाल खड़ा हो गया। पार्टी अध्‍यक्ष और अनुप्रिया पटेल की मां कृष्‍णा पटेल अपनी बड़ी बेटी पल्‍लवी को पार्टी राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बनाया तो दल में बगावत हो गई। ये खींचतान बढ़ी तो अनुप्रिया पटेल ने अपने पिता के नाम अपना दल (सोनेवाल) का गठन कर लिया और दूसरी पार्टी अपना दल (कृष्‍णा पटेल) के नाम से जानी गई।

अखिलेश यादव के साथ किया है गठबंधन

यूपी के 10 प्रतिशत कुर्मी वोट पर अपना दल का प्रभुत्‍व है। हालांकि, इस समय पल्‍लवी पटेल के गुट का ज्‍यादा सियासी प्रभावी नहीं है, लेकिन पल्‍लवी पटेल गठबंधन की राजनीति के सहारे अपना दल (कृष्‍णा गुट) की सियासत को आगे बढ़ाने में लगी हैं। उन्‍होंने 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन किया है। अपना दल (कृष्‍णा गुट) इस चुनाव में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ती हैं, ये देखने वाली होगी।