आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। चंद्रबाबू कैबिनेट ने मंगलवार को विशाखापत्तनम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को 99 पैसे के सिंबॉलिक लीज राशि पर 21.16 एकड़ भूमि आवंटित करने को मंजूरी दे दी। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश नायडू ने कहा कि टीसीएस एक विकास केंद्र में 1,370 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिससे लगभग 12,000 नौकरियां पैदा होंगी। रुशिकोंडा में आईटी हिल नंबर 3 की जमीन टाटा को लीज पर दी गई है। ऐसे ही गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के बाहरी इलाके साणंद में टाटा को अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए दिया था।
विशाखापत्तनम को आईटी हब के रूप में विकसित करने पर फोकस
लोकेश ने पिछले अक्टूबर में TCS को आंध्र प्रदेश में एक बड़ा विकास केंद्र स्थापित करने के लिए टाटा हाउस का दौरा किया था। राज्य सरकार विशाखापत्तनम को एक आईटी हब के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। कई दौर की बातचीत के बाद 29 जनवरी को लोकेश ने कहा कि टीसीएस 3-4 महीने के भीतर अपनी सुविधा स्थापित कर लेगी।
अधिकारियों ने कहा कि TCS को विकास केंद्र के लिए स्थायी भवन बनाने में कम से कम दो साल लगेंगे, लेकिन यह जल्द ही किराए की जगह से काम करना शुरू कर देगा। लोकेश ने कहा कि यह बंदरगाह शहर को आईटी और टेक्नोलॉजी केंद्र में बदलने की शुरुआत है। राज्य सरकार पांच साल में आईटी क्षेत्र में कम से कम 5 लाख नौकरियां पैदा करना चाहती है और उम्मीद है कि अन्य टेक कंपनियां विशाखापत्तनम में अपनी सुविधाएं स्थापित करने के लिए विस्तार करना चाहेंगी।
वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्लाउड सर्विस गूगल क्लाउड पहले ही दिल्ली और मुंबई में दो क्लाउड क्षेत्र स्थापित कर चुका है। इसने हाल ही में विशाखापत्तनम में डेटा सिटी और स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास के अवसरों को बढ़ावा देते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की स्थापना के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
समाज कल्याण विभाग के ड्राफ्ट को भी मिली मंजूरी
इसके अलावा कैबिनेट ने समाज में विभिन्न उप-जातियों की इकट्ठा और समान प्रगति के लिए आंध्र प्रदेश में अनुसूचित जातियों के बीच उप-वर्गीकरण को लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट अध्यादेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। समाज कल्याण मंत्री डॉ. डोला वीरंजनेय स्वामी ने कहा कि इस अध्यादेश का मुख्य उद्देश्य समाज में सभी अनुसूचित जाति समुदायों की एकीकृत और समान उन्नति सुनिश्चित करना है। राज्य में 59 अनुसूचित जातियों को जनसंख्या, पिछड़ेपन और सामाजिक सामंजस्य के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। अध्यादेश के अनुसार, इन तीन श्रेणियों के लिए आरक्षण का प्रतिशत समूह 1 की उप-जातियों के लिए 1 प्रतिशत, समूह 2 के लिए 6.5 प्रतिशत और समूह 3 के लिए 7.5 प्रतिशत है। स्वामी ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इस अध्यादेश के माध्यम से आंध्र प्रदेश में सभी अनुसूचित जाति समुदायों को शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक समान और निष्पक्ष पहुंच मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने विजयनगरम जिले के कोथावलासा मंडल में राज्य गृह विभाग द्वारा स्थापित किए जाने वाले माओवादी विरोधी ग्रेहाउंड प्रशिक्षण केंद्र को 516.58 एकड़ सरकारी भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।