Waaris Punjab De: ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया अमृतपाल सिंह (29) गुरुवार दोपहर से एकबार फिर सुर्खियों में है। अमृतपाल सिंह ने गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ थाने पर हमला कर दिया। ये लोग तलवारों और डंडों से लैस थे। यह पहली बार नहीं था कि अमृतपाल और उसके समर्थकों ने पुलिस से भिड़ने का दुस्साहस किया हो।

दुबई से लौट बन गया ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया

‘वारिस पंजाब दे’ एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू द्वारा बनाया गया ‘प्रेशर गुट’ है। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह इस संगठन का प्रमुख बन गया। वह कुछ ही समय पहले दुबई से लौटा है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक नारों के बीच जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे में उसने यह पद संभाला।

कुछ समय पहले था क्लीन शेव

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपालसिंह नवंबर 2021 तक क्लीन शेव रहता था। वह पिछले कुछ महीनों में अपने अमृत संचार मिशन के साथ काफी बदला है। इसकी स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में भिंडरावाले द्वारा की गई थी। पांच दिन पहले ही अमृतपाल समेत 25 लोगों पर किडनैप करने, हमला करने का मामला दर्ज किया गया है।

वरिंदर सिंह नाम के एक सिख उपदेशक (Preacher) का आरोप है कि अमृतपाल और उनके अनुयायियों पर झूठा प्रचार फैलाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो अपलोड करने के तुरंत बाद उनका अपहरण कर लिया गया और पीटा गया। आरोपियों में लवप्रीत सिंह तूफान भी शामिल है। लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई को लेकर ही गुरुवार को अमृतपाल ने थाने पर धावा बोल दिया।

इस हफ्ते की शुरुआत में ही ऐसी बातें कही जा रही थीं कि अमृतपाल NRI लड़की से शादी के बाद अपना रुख नरम कर रहा है। अमृतपाल ने बीती 11 फरवरी को ही शादी की है। उसने 21 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्टीकरण दिया कि उसने गृह मंत्री अमित शाह को कई धमकी नहीं दी है। अमृतपाल न सिर्फ भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनता है, बल्कि उसी भाषा का भी उपयोग करता हैं। वह भिंडरवाले को अपनी प्रेरणा भी बताता है।

तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है अमृतपाल

अमृतपाल अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है। अमृतपाल के बड़े भाई तरसेम सिंह दुबई और भारत के भी अक्सर ट्रैवल करते हैं। अमृतपाल की बहन गांव में ही रहती हैं। अमृतपाल साल 2012 में दुबई गया था, वह तभी से अक्सर फेसबुक के जरिए पंजाब से जुड़े मुद्दे उठाता रहता था। उसने किसान आंदोलन के दौरान कृषि कानूनों का विरोध किया है। वह दीप सिद्धू का भी प्रबल समर्थक था। दीप सिद्धू ने भी किसान आंदोलन में शामिल हुआ था।