देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई कई राज्य लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। ओडिशा और पंजाब ने तो लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान भी कर दिया है। हालांकि, केंद्र सरकार अभी देशव्यापी लॉकडाउन और उसे कैसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करना है इन दो मसलों पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन दोनों मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को संबोधित करेंगे। इस बीच लॉकडाउन बढ़ाए जाने के डर से गुजरात के सूरत में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन के लिए उतरे इन मजदूरों की मांग थी कि उन्हें तनख्वाह दी जाए और अपने गृह राज्य वापस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। इस बीच कई दिहाड़ी कामगारों ने सब्जी के ठेलों और दुकानों में आग लगा दी। साथ ही तोड़फोड़ भी की।
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बताया गया है कि सड़कों पर उतरे ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर सूरत की पावरलूम टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में काम करते हैं। सरकार की वजह से इन फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है, जिससे हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार जहां-तहां फंस गए। द हिंदू अखबार के मुताबिक, प्रदर्शनकारी मजदूरों में से कई लॉकडाउन बढ़ाए जाने की खबरों के बीच अपने गृहराज्य ओडिशा लौटना चाहते हैं।
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शुक्रवार को वे अपनी मांगों के साथ लॉकडाउन के नियमों को तोड़ते हुए सड़कों पर उतरे। मजदूरों ने उन्हें मिलने वाले खाने और तनख्वाह की शिकायत में भी नारे लगाए। हालांकि, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया। यह दूसरा मौका है, जब अपने घरों को लौटाने की मांग के साथ प्रदर्शनकारी मजदूर हिंसक हुए हैं। इससे पहले भी सूरत में पुलिस ने हिंसा और दंगे फैलाने के लिए 95 कामगारों पर केस दर्ज किए थे।
गुजरात के सूरत में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं। यहां देश के करीब दर्जनभर राज्यों से आने वाले मजदूर टेक्सटाइल, एम्ब्रॉयडरी, कंस्ट्रक्शन, हीरे की पॉलिशिंग और कटिंग फैक्ट्री में काम करते हैं। लॉकडाउन के चलते लाखों लोगों की कमाई पर खतरा पैदा हो गया है। इनमें सबसे बड़ी संख्या प्रवासियों की ही है। इन स्थितियों में ज्यादातर लोग अपने घरों की तरफ वापस लौटना चाहते हैं।