कोरोनावायरस संकट और लॉकडाउन के बीच कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज पढ़ाई के लिए छात्रों से अब भी पूरी फीस वसूल रहे हैं। जबकि इस सिलसिले में कई राज्य सरकारें और कोर्ट नियम तक बना चुकी हैं। स्कूल में फीस वसूली का ताजा मामला पंजाब का है। लुधियाना के हम्बेरा रोड स्थित गोल्फ लिंक कॉलोनी में पिछले 5 दिनों से अभिभावक एक प्राइवेट स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया गया है कि स्कूल ने लॉकडाउन के दौरान ही फीस में वृद्धि की है, जबकि हाईकोर्ट का आदेश है कि कोई भी स्कूल छात्रों से फीस का 70 फीसदी हिस्सा ही ले सकता है।
प्राइवेट स्कूल की इस मांग के खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोल दिया है। एक छात्र के पिता ने कहा कि हम स्कूल से सालान चार्ज और इस महीने की फीस माफ करने की मांग करते हैं। खासकर तब जब स्कूलों में ठीक से क्लासें लग भी नहीं रही हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश में कहा था कि निजी स्कूल अभिभावकों से स्कूल फीस का 70 फीसदी ही मांग सकते हैं। दरअसल, सरकार ने एक मेमो जारी कर स्कूलों को बिल्डिंग चार्ज, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज और भोजन आदि के लिए शुल्क लेने से रोक दिया गया था, जबकि दूसरी ओर उन्हें शिक्षकों के वेतन में कटौती नहीं करने का निर्देश दिया गया था। इसके खिलाफ स्कूल एसोसिएशन हाईकोर्ट पहुंचा था। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने स्कूलों को फीस वसूलने की छूट दे दी थी।
आम आदमी पार्टी कर चुकी है स्कूलों के फीस वसूलने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शनः निजी स्कूलों द्वारा इस समय में फीस वसूलने के खिलाफ आम आदमी पार्टी लगातार अभिभावकों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है। हाल ही में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर पंजाब के शिक्षा मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन किया। आप का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों के कमाई के स्रोतों पर भी असर पड़ा है। इसलिए उनसे फीस जमा करने के लिए कहना गलत है।
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