दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया खुद को तैयार करने में जुट गए हैं। मंहगाई, बेरोजगारी, अपराध और सरकारी कार्यालयोें में योगी सरकार में फैले भ्रष्टाचार पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल वे नीतीश कुमार की अगुआई में संभावित गठबंधन के पहले उत्तर प्रदेश में खुद की ताकत का गठबंधन के संभावित दलों को अहसास कराना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार के मुखिया हैं। उन्होंने भय मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त माहौल देने का उत्तर प्रदेश की जनता से वादा किया था। लेकिन उनके वादों की हवा सरकारी विभाग में तैनात अधिकारी और नौकरशाह लगातार निकालते आ रहे हैं। ताजा उदाहरण लखनऊ का वो लेवाना होटल है जहां आग लगने से चार बेगुनाहों की जान चली गई। शर्मनाक पहलू यह है कि बिना नक्शा पास हुए लेवाना होटल बनकर तैयार हो गया। अग्निशम विभाग, नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की जानकारी में यह सब हुआ लेकिन योगी सरकार को इस बात की कानों कान खबर तक नहीं हुई।

यदि बीते साढ़े पांच साल के योगी कार्यकाल की बात की जाए तो कई सरकारी विभागों में सैकड़ों ऐसे घोटाले हुए, जिनकी सरकार को खबर तक नहीं हुई। ऐसी घटनाओं ने साबित किया कि आज भी नौकरशाह और अधिकारी ऐसे हजारों घोटालों को अंजाम देने के बाद उन्हें छुपाए बैठे हैं। इसके अलावा तेजी से बढ़ रही मंहगाई ने भी भारतीय जनता पार्टी की पेशानी पर बल पैदा कर दिया है।

प्रदेश में बेरोजगारी और आए दिन हो रही हत्याएं और आपराधिक वारदात की घटनाओं ने भी मुख्यमंत्री को परेशान कर रखा है। नौकरशाहों की मनमानी की शिकायत योगी सरकार के मंत्री भी कई बार कर चुके हैं। इतना ही नहीं, भाजपा के सांसद, विधायक और संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं की नौकरशाही की उनकी बात न सुनने की शिकायतें भी योगी को परेशान किए हुए हैं।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने की योजना बना रहे हैं। समाजवादी पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अखिलेश ने रणनीति बनाई है कि सपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मंहगाई, भष्टाचार, बेरोजगारी और लचर कानून व्यवस्था के बारे में जनता के बीच जनजागरूता अभियान चलाएंगे। इसमें नुक्कड़ नाटक, साइकिल यात्राएं, योगी सरकार से इन मुद्दों पर जवाब-तलब करने की तैयारी है।

सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को निर्देश दिए हैंं कि वे अपने क्षेत्र में अधिक प्रवास करें और हर रोज अपने इलाके के लोगों से जनसम्पर्क करें। ऊंचाहार से विधायक मनोज तिवारी समेत कई विधायक सपा प्रमुख के निर्देश भर इस अभियान को धार देने में जुटे हैं। समाजवादी पार्टीके वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं, समाजवादी पार्टी को हल्के में लेने की भूल बहुत भारी पड़ सकती है।

विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को तीन करोड़ वोट मिले हैं। मतों की यह संख्या समाजवादी पार्टी के जनाधार की ताकीद कराने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी कड़ी टक्कर देगी। साथ ही संभावित गठबंधन में इस बार समाजवादी पार्टी का अहम किरदार होगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से जिसके पास अधिक सीटें होंगी, वह केन्द्र में सरकार बनाने में अहम भागीदारी निभाएगा।