दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन और सरकार के साथ टकराव के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के रवैये से सत्ताधारी पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया है। इसकी वजह से पार्टी में विद्रोह की नौबत आ गई है। पार्टी में नेता और कार्यकर्ता अब इस्तीफे देने शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक बहिष्कार भी शुरू हो गया है। सुझाव दिया कि पार्टी का नाम अब “भूमिगत जनविरोधी पार्टी” होना चाहिए। बताया कि चौराहों पर नफरत बांटने वाले भाजपाई अब भूमिगत हो गए हैं। ऐसे में यह नाम पार्टी का किया जाना चाहिए।
एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “सियासत तू है कमाल, उठाके रास्ते में दीवार, बिछाकर कंटीले तार कहती है आ करें बात।” कहा कि सरकार दिल्ली में किसानों को रोकने के लिए दीवारें खड़ी कर रही है। कंटीले तार बिछा रही है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि भाजपा की किसानों के प्रति क्रूरता और जनता के आक्रोश से डरकर पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।
बीजेपी की किसानों के प्रति क्रूरता व जनता के आक्रोश से डरकर बीजेपी में इस्तीफ़ों का दौर आ गया है क्योंकि भाजपा का राजनीतिक के साथ सामाजिक बहिष्कार भी शुरू हो गया है. चौराहों पर नफ़रत बांटनेवाले भाजपाई भूमिगत हो गये हैं।
अब बीजेपी का नया नाम ‘भूमिगत जनविरोधी पार्टी’ होना चाहिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 4, 2021
इससे पहले उन्होंने बजट को लेकर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, “भाजपा सरकार स्वयं बता दे कि इस बजट में कृषि-किसान, गाँव-ग्रामीण, आम आदमी, नौकरीपेशा, महिलाओं, युवाओं, कारोबारियों के लिए क्या अच्छा है।
कहा बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए भी ‘अच्छे दिन’ नहीं ढूंढ पा रहे हैं।” कहा कि बजट में आम लोगों के राहत के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में इस बजट से क्या फायदा है।