ऐश्वर्य राज
दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी (Delhi Congress vice-president Ali Mehdi) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का दमन थाम लिया था। लेकिन उसके कुछ घंटों के भीतर उन्होंने फिर से कांग्रेस (Congress) जॉइन कर लिया। शुक्रवार सुबह वह आप में शामिल हुए थे, लेकिन देर शाम कांग्रेस में लौट आए और एक वीडियो जारी कर इसे बड़ी गलती बताया और इसके लिए माफी भी मांगी।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी में उनका स्वागत किया गया। बता दें कि उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा था।
मेहदी पूर्व विधायक के बेटे
बता दें कि मेहदी मुस्तफाबाद (2008-2015) के पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे हैं। क्षेत्र में अपने पिता के मजबूत प्रभाव के कारण अली मेहदी की वर्तमान पद तक की राह काफी आसान थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी (Anil Kumar Chaudhary) ने भी कहा कि 37 वर्षीय एक पुराने कांग्रेस परिवार से आते हैं।
मेहदी NSUI के संगठन महासचिव रह चुके हैं
अली मेहदी कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया (NSUI) के सक्रिय सदस्य थे। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज (Delhi University’s Dyal Singh College) के छात्र के रूप में इसमें शामिल हुए और संगठन के महासचिव बने। पेशे से वकील अली मेहदी ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से विधायी कानून में स्नातक किया है।
चुनावी राजनीति में अली मेहदी का पहला अनुभव 2003 में था, जब उन्होंने अपने पिता के लिए प्रचार किया, जो 1993 के विधानसभा चुनाव में ओखला सीट (Okhla seat) से हारने के बाद करावल नगर निर्वाचन क्षेत्र (Karawal Nagar constituency) से चुनाव लड़ रहे थे। अली मेहदी ने इसको लेकर कहा, “उस समय उनका नुकसान बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए हंगामे के कारण हुआ था। मैं 2003 से क्षेत्र (उत्तर-पूर्वी दिल्ली) को जानता हूं।”
2020 के विधानसभा चुनावों में मुस्तफाबाद से चुनाव लड़कर अली मेहदी केवल 5,363 वोट ही हासिल कर सके थे और 2.89 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों उम्मीदवारों से पिछड़ गए। अली मेहदी को बाद में डीपीसीसी का उपाध्यक्ष बनाया गया।