मध्य प्रदेश में चल रहे नगर निकाय और पंचायत चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की इंट्री से नई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पार्टी के नेता असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि उम्मीदवार भारी संख्या में जीत हासिल करेंगे। इस मुद्दे पर राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि ओवैसी के आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
कहा कि “राजनीतिक दल बनाने से अच्छा होता कि वो धार्मिक बन जाते, उनका पूरा काम टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसा है।” वे बोले कि “ओवैसी जहां जाते हैं, उनकी जमानत जब्त हो जाती है। वह समाज को बांटने का काम करते हैं। यही उनका आधार है।”
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता जागरूक हो गई है। वह जानती है कि ये लोग राज्य का कुछ भी विकास नहीं कर सकेंगे। राज्य की जनता कभी भी तीसरे दल के लोगों को स्वीकार नहीं करती है। इतिहास में इसको देखा जा सकता है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी उम्मीद जताई है कि इस बार उसको अच्छी सफलता मिलेगी और वह हर जगह मजबूत होगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि राज्य में एआईएमआईएम की ओवैसी तभी आते हैं, जब भाजपा हारने लगती है। वह भाजपा की बी-टीम है। इस पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति कांग्रेस करती है। कहा कि “भाजपा वहां भी जीती है जहां ओवैसी नहीं थे। अभी हाल के चार राज्यों के चुनाव में से चार में तो ओवैसी थे ही नहीं, वहां भी हम जीते हैं।”
इससे पहले चुनाव में टिकट नहीं मिलने से भाजपा के कई नेताओं ने नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की है। बीजेपी से बागी नेता सुरेश चतुर्वेदी ने बताया कि वो 1980 से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे ही कई अन्य लोग भी हैं, जो भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन अपने-अपने स्तर से कोई अपने लिए, कोई बहू के लिए टिकट मांग रहा था। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई, जो लोग अपेक्षित नहीं थे, उनको भी टिकट मिल गया है।
नाराज नेताओं का साफ आरोप है कि पार्टी ने उनकी अनदेखी की है। बागी नेताओं ने चेतावनी दी है कि इसका परिणाम अगले चुनाव में नजर आएगा। वहीं टिकट को लेकर मारामारी के चक्कर में कई स्थानों पर पार्टी नाराजगी झेल रही है।