Anil Dujana Encounter: उत्तर प्रदेश में हो रहे एनाकउंटर को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर गुरुवार को सवाल खड़े किए। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक के कोलार में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मैं एनकाउंटर के खिलाफ था और रहूंगा’। कुख्तात अनिल दुजाना को उर्फ अनिल नागर को मेरठ में गुरुवार को STF ने एनकाउंटर में मार गिराया था। दुजाना 10 अप्रैल को जेल से बाहर आया था।

कर्नाटक के कोलार में गुरुवार को जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मैं एनकाउंटर के खिलाफ था और रहूंगा। जिस तरह अब्बास, अतीक, अशरफ को गोली मारी, आज मैं कह रहा हूं कि अनिल (दुजाना) को भी गोली मारना गलत था। एनकाउंटर से क़ानून का शासन कमजोर होता है, लोगों का संविधान में विश्वास कम होता है। सजा देना कोर्ट का काम है, गोली से किसी को सजा नहीं दी जाती।’

10 अप्रैल को जेल से रिहा होने के बाद गैंगस्टर अनिल दुजाना ने अपने खिलाफ गवाही देने वालों को धमकियां दी थीं। एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में है। जिसके चलते उसकी तलाश की जा रही थी। इसी बीच इनपुट मिला कि स्कॉर्पियो में सवार होकर दुजाना अपने गुर्गों से मिलने मेरठ में जा रहा है। जानकारी के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की। STF को देखते ही अनिल दुजाना ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। STF की जवाबी कार्रवाई में दुजाना मारा गया। गैंगस्टर दुजाना पर दिल्ली और यूपी में 60 से अधिक केस दर्ज थे।

माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का झांसी में 13 अप्रैल को एनकाउंटर कर दिया गया था। उस वक्त ओवैसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था- आप कानून को भुला देना चाहते हैं। वो रूल ऑफ गन के जरिए सत्ता चलाते हैं।

ओवैसी ने तब यूपी पुलिस की एफआईआर पर भी सवाल खड़े किए थे। असद के एनकाउंटर के दो दिन बाद यानी 15 अप्रैल को अतीक-अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त अतीक-अशरफ की हत्या हुई थी, उस वक्त दोनों अभियुक्त पुलिस कस्टडी में थे। अतीक-अशरफ की हत्या के बाद यूपी की बीजेपी सरकार और तमाम विपक्षी पार्टियों ने यूपी की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए थे।