दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के कंप्यूटर सर्वर पर हमला चीनी हैकरों द्वारा किया गया था। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बुधवार (14 दिसंबर, 2022) को बताया कि 5 सर्वरों में डेटा को अब सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त कर लिया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के स्रोत ने कहा, “एम्स दिल्ली सर्वर हमला चीनियों द्वारा किया गया था, प्राथमिकी विवरण है कि हमले की शुरुआत चीन से हुई थी। 100 सर्वरों में से पांच भौतिक सर्वरों को हैकर्स द्वारा सफलतापूर्वक घुसपैठ कर लिया गया था। इस 100 सर्वरों में से 40 फिजिकल और 60 वर्चुअल थे। क्षति बहुत खराब होती। पांच सर्वरों का डेटा अब सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त कर लिया गया है।”
एम्स दिल्ली ने पहली बार 23 नवंबर को अपने सर्वर में विफलता की सूचना दी थी। सर्वर की प्रतिभूतियों की देखभाल के लिए तैनात दो विश्लेषकों को भी साइबर सुरक्षा के कथित उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया गया है। एम्स के अधिकारियों ने जारी एक बयान में कहा कि ई-अस्पताल डेटा संरक्षित किया गया।उन्होंने कहा, “eHospital डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है। डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर/कंप्यूटर की बड़ी संख्या के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।”
बयान में आगे कहा गया, “आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, लैबोरेटरी समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती हैं।” इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस के एक विशेष सेल ने एम्स में कंप्यूटर सिस्टम पर हमले की जांच शुरू की। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मैलवेयर हमले के स्रोत की पहचान करने के लिए एम्स दिल्ली के संक्रमित सर्वर की जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (सीएफएसएल) की एक टीम को सेवा में लगाया गया है।
यह मुद्दा दो दिन पहले संसद में उठा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इसकी पूरी जांच कराने और इसे दोबारा न होने देने के उपाय करने का आह्वान किया था। तिरुवनंतपुरम से सांसद ने लोकसभा में कहा, “हमले की उत्पत्ति, इरादा और सीमा स्पष्ट नहीं है।” थरूर ने जोर देकर कहा कि यह शत्रुतापूर्ण सीमा पार हमला होने की संभावना एक गंभीर चिंता का विषय है।