कृषि बिल के विरोध में जहां एक ओर नई दिल्ली में किसानों का आंदोलन चल रहा है। वहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों से अलहदा तरीकों से इन कानूनों के विरोध की खबरें आ रही हैं। कहीं किसान कर्ज और कानूनों से आजिज आकर खुदकुशी कर रहे हैं, तो कुछ जगह वे अपनी फसल बर्बाद कर ले रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला रविवार को उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर जिले के थाना खतौली कोतवाली क्षेत्र के गांव भैंसी से सामने आया। वहां एक किसान ने केंद्र के लाए तीन विवादित कानूनों के विरोधस्वरूप अपनी आठ बीघा में फैली गेहूं की फसल को ट्रैक्टर से रौंद कर बर्बाद कर दिया।
इस दौरान वहां कुछ लोग उनका वीडियो बना रहे थे, जो कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर सामने आया है। क्लिप में किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर फसल को नष्ट करते नजर आ रहे थे।
कृषि बिल के विरोध में किसान ने अपनी 8 बीघा गेहूं की खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाकार नष्ट किया
थाना खतौली कोतवाली क्षेत्र के गांव भैंसी का मामला।#UttarPradesh #FarmersProtests pic.twitter.com/H7e92L7MSV
— News24 (@news24tvchannel) February 21, 2021
उधर, केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में आंदोलन पर अड़े किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज करने के लिए 23 फरवरी से 27 फरवरी के बीच कुछ कार्यक्रमों का ऐलान किया है।
भाजपा ने प्रस्ताव पारित कर कृषि सुधारों, कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए मोदी की सराहना कीः वहीं, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग तीन महीने से जारी किसानों के आंदोलन के बीच भाजपा ने रविवार को एक अहम बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कृषि क्षेत्र में सुधार और कोविड-19 महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया। ये प्रस्ताव भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में एनडीएमसी कनवेंशन सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पारित हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि वह कृषि सुधारों के फायदों से जनता को अवगत कराएं। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों के अध्यक्ष, राज्यों के प्रभारी व सह-प्रभारी तथा राज्यों के संगठन मंत्री भी शामिल हुए।