उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से कुछ ज्यादा समय ही बचा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी की राज्य में मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। पहले आगामी चुनाव में भाजपा के नेतृत्व को लेकर सवाल उठे और अब अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त में हुई गड़बड़ी को लेकर भी पार्टी के ही नेता घिरे हैं। इस बीच विपक्ष के साथ-साथ अब साधुओं ने भी राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से खरीदी गई जमीन को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। बताया गया है कि अयोध्या के साधुओं ने सीधा पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में सफाई देने के लिए कहा है।
क्या बोले अयोध्या के साधु: गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) को ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नेताओं और अयोध्या जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक करने वाले हैं। इसे देखते हुए साधुओं ने सीधे पीएम से ही इस मामले में जवाब देने की मांग की है। निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने जमीन सौदों पर सवाल उठाते हुए कहा, “कुछ जमीनें जो कुछ घंटों या कुछ हफ्तों पहले ही खरीदी गई थीं, वो राम मंदिर ट्रस्ट को काफी ज्यादा कीमतों पर बेच दी गईं।”
महंत धर्मदास, जो कि अयोध्या रामजन्मभूमि केस में वादी भी थे, ने आगे कहा, “ऐसे दो मौके आए, जब इनमें लाभार्थी भाजपा से जुड़े थे। चूंकि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। इसलिए उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा घोटाला क्यों हुआ?”
किन जमीन सौदों को लेकर हुआ विवाद?: बता दें कि अयोध्या में भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण पर अयोध्या की 890 वर्ग मी. नाजुल जमीन (सरकार द्वारा किराए पर दी गई जमीन) फरवरी में 20 लाख रुपए में खरीदने और इसे मंदिर ट्रस्ट को मई में 2.5 करोड़ रुपए में बेचने का आरोप है। जबकि स्थानीय प्रशासन का भी मानना है कि नाजुल जमीन पर कोई लेन-देन अवैध है। इसके अलावा सुल्तान अंसारी द्वारा 2 करोड़ रुपए की कीमत वाली जमीन उसी दिन 18.5 करोड़ रुपए में बेचने पर भी लगातार विवाद जारी है। इस बीच अंसारी ने खुलासा किया था कि उसका बिजनेस पार्टनर रवि मोहन तिवारी अयोध्या मेयर का रिश्तेदार है।
इन्हीं दो डीलों को लेकर विपक्षी दल लगातार भाजपा को घेरते आ रहे हैं। आप, कांग्रेस और सपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए भाजपा पर जनता के फंड्स का दुरुपयोग करने तक का आरोप लगा दिया है। अब साधुओं की तरफ से भी इन जमीन सौदों पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। महंत धर्मदास ने इस पर कहा, “हमें विश्वास है कि हमें विश्वास है कि मोदी हमेशा की तरह इस पर भी चुप रहेंगे और इसके आसपास के मुद्दों पर ही चर्चा करेंगे।”
ट्रस्ट को भंग करने की उठी मांग: उन्होंने बताया कि साधुओं ने अयोध्या में शुक्रवार को बैठक की और मोदी से इस मुद्दे पर बोलने की मांग उठाई है। इसके अलावा ट्रस्ट को भंग करने और मंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट की स्थापना करने की भी अपील की गई है। बताया गया है कि साधुओं की यह बैठक बुलाने वाले हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत ज्ञान दास थे। उन्होंने इस मामले पर कहा कि बैठक में आए 150 साधुओं का एकपक्ष है कि पीएम मोदी को जमीन विवाद पर अपना पक्ष साफ करना चाहिए और ट्रस्ट को खत्म करना चाहिए।