अजय पांडेय
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस सूबे के ऐतिहासिक रामलीला मैदान से लोकसभा के आगामी चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकती है। आम आदमी पार्टी (आप) से किसी किस्म के चुनावी गठबंधन की मुखालफत कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन व प्रदेश के प्रभारी पीसी चाको की जोड़ी अब राजधानी में कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुटी है ताकि यह साबित किया जा सके कि दिल्ली में कांग्रेस को किसी गठबंधन की बैसाखी की जरूरत नहीं है। कांग्रेस आगामी दिसंबर महीने में राजधानी में बूथ स्तर के सहयोगियों व बूथ प्रभारियों का एक सम्मेलन करने जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस सम्मेलन में सवा लाख से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता जुटेंगे। इस सम्मेलन को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन के बहाने चाको-माकन की जोड़ी पार्टी हाईकमान को यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी अकेले दम पर ‘आप’ व भाजपा दोनों से निपटने में सक्षम है। लिहाजा, उसको सभी सात लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए।
पार्टी सूत्रों की मानें तो 11 दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद दिल्ली में कांग्रेस का अब तक का सबसे बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। इसका आयोजन 20 से 23 दिसंबर के बीच करने की तैयारी है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का समय लिया जा रहा है। दूसरी ओर सम्मेलन के आयोजन के लिए रामलीला मैदान के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है लेकिन इसके अलावा कई अन्य स्थानों को लेकर भी मंथन जारी है। कांग्रेस पर अन्य सहयोगी दलों की ओर से दिल्ली में भी ‘आप’ से गठबंधन करने का दबाव है ताकि भाजपा के सामने मजबूत चुनौती पेश की जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस व ‘आप’ मिलकर सभी सात सीटों पर चुनाव लड़े तो निश्चित तौर पर भाजपा के लिए मुसीबत हो सकती है। लेकिन सूबे के कांग्रेसी मुखिया माकन व प्रभारी चाको का यह मानना है कि यह गठबंधन दिल्ली में पार्टी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। दिल्ली के तमाम नेता एकमत से पार्टी हाईकमान को गठबंधन के खिलाफ अपनी राय भेज चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि राजधानी में बूथ सहयोगियों व प्रभारियों के सम्मेलन के बहाने कांग्रेस असल में अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है और पार्टी हाईकमान को भी यह संदेश देना चाहती है कि वह अकेले ही दोनों प्रतिद्वंद्वी दलों से दो-दो हाथ करने में सक्षम है। ऐसे में उसे किसी दबाव में आने की जरूरत नहीं है। पार्टी की प्रदेश इकाई नए बूथ सहयोगियों व बूथ प्रभारियों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।