पिछले साल नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से एक मादा चीता की तबीयत इन दिनों खराब है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रह रही साशा नाम के इस चीता के गुर्दे (Kidney) में संक्रमण मिला है। सोमवार को रूटीन जांच के दौरान मादा चीता साशा में थकान और कमजोरी के लक्षण दिखे। अफसरों ने उसे वहां से हटाकर दूसरी जगह एकांत में शिफ्ट कर दिया। डॉक्टरों ने उसकी जांच में पाया कि उसके गुर्दे में दिक्कत है और पानी की कमी है।

नामीबिया के वन्य जीव विशेषज्ञों से भी ली जा रही सलाह

कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अफसरों के मुताबिक उस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उसके अलावा बाकी अन्य सभी चीते ठीक हैं। भोपाल के वन विहार से डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम कूनो पहुंचकर उसके स्वास्थ्य की जांच कर रही है। अफसरों के मुताबिक साशा को नामीबिया से लाया गया है। वहां के वन्य जीव विशेषज्ञों से भी इलाज के लिए सलाह ली गई है।

पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर आठ चीतों को कूनो पार्क में छोड़े थे

पिछले साल 17 सितंबर को आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो में छोड़ा था। उन्हें नवंबर में एक बड़े बाड़े में ले जाया गया और जंगल में छोड़ा जाने वाला था। गुरुवार को गणतंत्र दिवस परेड में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की झांकी में चीता को प्रमुखता से दिखाया गया था, जिसमें जैव विविधता संरक्षण के विषय पर प्रकाश डाला गया है।

पूरी तरह से प्राकृतिक फूलों से बनी सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में देश में समृद्ध जैव विविधता को प्रदर्शित करने के लिए जानवरों, पक्षियों और पौधों को दिखाया गया है। झांकी प्रोजेक्ट चीता के लिए भी एक इशारा था, जिसके माध्यम से नामीबिया से चीतों को लाया गया था और सितंबर 2022 में कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था – जिसे सरकार ने “दुनिया की पहली अंतर-महाद्वीपीय बड़ी जंगली मांसाहारी गैरस्थल परियोजना” करार दिया था।

पिछले साल, CPWD ने अपनी झांकी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारतीय राष्ट्रीय सेना को चित्रित किया था, जिसने CPWD के अनुसार, लगातार 15 वें वर्ष विशेष पुरस्कार जीता। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास के एक हिस्से के रूप में, जिसे सीपीडब्ल्यूडी चला रहा है, पिछले साल इंडिया गेट पर बोस की एक मूर्ति स्थापित की गई थी।