AAP Effect in Gujarat: गुजरात के चुनाव में (Gujarat Assembly Election) दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने एजुकेशन पॉलिसी (Education Policy) को लेकर जो मुद्दा सामने रखा, बीजेपी (BJP) और गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार (BJP’s Bhupendra Patel Government) उसे अहमियत देती दिख रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह (Amit Shah) ने जहां एक ही दिन में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में New Education Policy की अहमियत बताई, वहीं भूपेंद्र पटेल की नई सरकार ने इस पर एक बैठक भी आयोजित कर ली। RSS से जुड़ी एक शैक्षणिक संस्था के मुखिया भी ये मान रहे हैं कि जो कुछ दिख रहा है वो आप का असर हो सकता है।
PM Modi और Amit Shah ने बताई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अहमियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ही दिन गुजरात में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में नई शिक्षा नीति (एनईपी) की सराहना की। श्री स्वामीनारायण गुरुकुल संस्थान के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ के कार्यक्रम में 24 दिसंबर को एक वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि एनईपी भविष्य में नई राह दिखाने वाली शिक्षा प्रणाली तैयार करने का आधार है। उसी दिन मेहसाणा में एक स्कूल के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से बच्चों में विश्लेषण करने, सोचने और शोध करने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। इस तरह से देश को आगे ले जाने में मदद मिलेगी।
Govt अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीरः CM Bhupendra Patel
शिक्षा नीति पर जोर देने की बात स्वीकार करते हुए, आरएसएस से जुड़े राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ-गुजरात के अध्यक्ष भीखाभाई पटेल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पिछली भूपेंद्र पटेल सरकार के तहत एनईपी के कार्यान्वयन पर केवल तीन बैठकें हुई थीं, जबकि नई सरकार में शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही सीएम भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में इस मसले पर एक बैठक हो चुकी है।” सीएम भूपेंद्र पटेल ने खेद व्यक्त किया कि कुछ राज्यों के विपरीत, गुजरात नई नीति के कार्यान्वयन में अधिक प्रगति करने में असफल रहा, लेकिन हाल की बैठक के बाद, ऐसा लगता है कि सरकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीर है और वह भी बहुत जल्दी। खुद पीएम ने इस दिशा में ठोस अमल की जरूरत बताई है।
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में अरविंंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं ने शिक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंंने दिल्ली से तुलना करते हुए गुजरात में शिक्षा की स्थिति बदतर बताई थी। बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया था और प्रचार में राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया था। चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत हुई थी।