हिजाब के मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर देश भर में बहस छिड़ गई है। हिजाब के समर्थकों को कहना है कि यह धार्मिक मामला है और धर्म महिलाओं को घर से बाहर निकलते समय अपने सिर और अन्य हिस्सों को कपड़ों से छिपाकर बाहर निकलने को कहता है, जबकि इसकी खिलाफत कर रहे लोगों का कहना है कि हिजाब का धर्म से कोई संबंध नहीं है।

टीवी चैनल आजतक पर हिजाब को लेकर हुए बहस के दौरान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की प्रवक्ताओं के बीच जमकर बहस हुई। दोनों लोग बहस करते हुए आपस में ही भिड़ गईं। कांग्रेस की प्रवक्ता साधना भारती ने कहा कि महिलाओं की पढ़ाई-लिखाई जरूरी है, लेकिन भाजपा खुद धर्म की ठेकेदारी नहीं करे। इस पर भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने उनको कांग्रेस नेताओं के हिंदू-मुसलमानों को लेकर पुराने बयानों को याद दिलाना शुरू कर दिया।

इस दौरान दोनों लोगों में जमकर बहस हुई तो कांग्रेस की प्रवक्ता साधना भारती ने कह दिया कि “ये तमीजदार तो वैसे भी नहीं हैं।” इसका विरोध करते हुए भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कहा एंकर अंजना ओमकश्यप से कहा कि डिबेट ऐसे नहीं हो पाएगी। अंजना ओमकश्यप ने दोनों लोगों से शांत रहने की बार-बार अपील की, हालांकि वे चुप होने को तैयार नहीं थी।

इस बीच उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर कर कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति के लिए याचिकाओं को खारिज करने संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई।

उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और उसने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए मुस्लिम छात्राओं की खाचिकाएं खारिज कर दी। अदालत ने इसके साथ ही राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार रखा। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक मुस्लिम छात्रा ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।

उच्च न्यायालय ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। उच्च न्यायालय ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं।