कोरोना संक्रमण दर लगातार गिर रही है। बुधवार को संक्रमण दर दो फीसद से भी नीचे दर्ज की गई। मौतों का आंकड़ा कम तो हुआ है लेकिन अब भी लगातार लोगों की संक्रमण की वजह से जान जा रही है। बुधवार को दिल्ली में 24 घंटे में 1,491 नए मामले सामने आए हैं और 130 मरीजों की जान इस बीमारी की वजह से गई है। 24 घंटे में संक्रमण की दर 1.93 फीसद दर्ज की गई।
दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय दिल्ली में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 19,148 है और 10,079 मरीजों का इलाज घर में एकांतवास में किया जा रहा है। इस समय अस्पताल में 7,228, कोरोना देखभाल केंद्र में 274 और कोरोना स्वास्थ्य केंद्र में 76 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बुधवार को कुल 77,103 कोरोना संक्रमण की जांच की गई थी और दिनभर में 3,952 मरीज ठीक हो कर घर गए हैं। यह संख्या पिछले 24 घंटे में सामने आए नए मरीजों की संख्या से ढ़ाई गुना से अधिक है।
राजधानी में 24 घंटे के अंदर कुल 53,542 आरटी-पीसीआर और 23,561 एंटीजन जांच की गई है। इसी प्रकार 43,955 लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव का टीका लगाया गया है। इन टीका लगवाने वालों में 33,434 पहली बार और 10,521 ने दूसरी बार यह टीका लगाया है। अब तक कुल 51,85,045 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इनमें 40,08,204 ने पहली बार और 11,76,841 ने दूसरी बार टीका लगवाया है।
दिल्ली में अब तक की कुल संक्रमण दर 7.51 फीसद है। अब तक कुल 14,21,477 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं और 13,78,634 मरीज अब तक ठीक हुए हैं। यह बीमारी कुल 23,695 लोगों की जान ले चुकी है। संक्रमण को अन्य इलाकों में कम किया जा सके। इसलिए इस समय 36,873 जगहों पर सील क्षेत्र बनाए गए हैं। जहां पर अभी भी कोरोना संबंधित नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में टीके की भारी कमी का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि अगर केंद्र और राज्य मिलकर इस घातक वायरस का मुकाबला करने में विफल रहते हैं तो भारत कोविड के खिलाफ यह लड़ाई हार जाएगा।
केजरीवाल ने केंद्र और राज्यों से टीके खरीदने के लिए ‘टीम इंडिया’ के रूप में हाथ मिलाने की अपील की। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री को “आश्वासन” दिया कि सभी मुख्यमंत्री उन्हें दी गई कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन ब्रींफिंग में कहा, “देश टीके क्यों नहीं खरीद रहा है? भारत कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और ऐसी स्थिति में राज्य सरकारों को खुद ही देखने के लिए नहीं कहा जा सकता है। अगर कल, पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा करता है, तो क्या उत्तर प्रदेश को अपने टैंक खरीदने चाहिए और दिल्ली को अपने हथियार?”