उत्तर प्रदेश में विपक्ष का मनोबल बुरी तरह टूटा हुआ है। इतना रसातल में तो 1984 की कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की आंधी के बाद भी नहीं गया था विपक्ष। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए इस चुनाव में अविभाजित उत्तर प्रदेश की 85 में से 83 सीटों पर कांग्रेस भारी अंतर से विजयी हुई थी। चंद्रशेखर, हेमवती नंदन बहुगुणा और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे धुरंधर भी ढेर हो गए थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही 1985 में विधानसभा का चुनाव हुआ तो विपक्ष ने अपनी अच्छी उपस्थिति दिखा दी थी। पर 2014 के बाद से यूपी में भाजपा के प्रभुत्व ने ऐसा रंग जमाया कि सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों के आगे ही वजूद बचाने का संकट है।
विधानसभा में 2017 में सत्ता में वापसी के लिए अखिलेश यादव का कांग्रेस से हाथ मिलाना भी कारगर नहीं हुआ। उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन किया तो घबराहट भाजपा को भी हुई। इस गठबंधन से बसपा तो शून्य से दस तक पहुंच गई पर सपा पांच की पांच पर ही अटकी रह गई। मोदी की आंधी का तो असर था ही, सपा के यादव कुनबे की आपसी कलह ने भी कोढ़ में खाज का काम कर दिया। खुद को महागठबंधन में नहीं लिए जाने से कांग्रेस की मिट्टी तो पलीद हुई ही, सपा-बसपा को भी नुकसान ही हुआ। कांग्रेस की तो लाज भी नहीं बच पाई।
गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को बुरी तरह हरा दिया। रायबरेली में भी सोनिया गांधी की जीत का फासला काफी नीचे आ गया। जबकि लोकसभा चुनाव से पहले सूबे में हुए विधानसभा की एक और लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव में विपक्ष ने एकता का प्रदर्शन कर भाजपा को मात दी थी। इस 21 अक्तूबर को सूबे में विधानसभा की 11 सीटों का उपचुनाव है। भाजपाई सभी सीटों को जीतने का दावा कर रहे हैं। हालांकि 2017 में ये सीटें भाजपा ने ही जीती थीं। तो भी विपक्ष एकजुट रहता तो भाजपा से कुछ सीटें जरूर झटक सकता था।
एकता को पलीता सबसे पहले मायावती ने लगाया। लोकसभा चुनाव के नतीजों के फौरन बाद सपा और अखिलेश यादव पर तोहमत लगा उनसे नाता तोड़ लिया। अखिलेश ने फिर भी मर्यादा नहीं तोड़ी। मायावती के बारे में कोई अनुचित टिप्पणी नहीं की। मायावती भूल रही हैं कि जब यूपी में ही उनका कोई आधार नहीं बचेगा और तमाम नेता एक-एक कर भाजपा में चले जाएंगे तो कैसे वे सत्ता का सपना पूरा कर पाएंगी। सभी 11 सीटों पर सपा, बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवार लड़ रहे हैं। भाजपा को बिखरा विपक्ष हरा तो क्या पाएगा, अपनी जमानत भी सब जगह बचा ली तो गनीमत होगी।