अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारियां तेज हो गई हैं। एक तरफ बीजेपी हारी हुई सीटों पर फिर बाजी पलटने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी एकजुट होकर चुनौती देने की कोशिश में लगा है। उसी एकजुटता वाली कड़ी में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी से मिले हैं। बंगाल की सीएम से लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई है।
सीएम ममता से मिले नीतीश, क्या मायने?
ये मुलाकात इस वजह से ज्यादा खास हो जाती है क्योंकि सीएम ममता बनर्जी कई मौकों पर ये साफ कर चुकी हैं कि वे कांग्रेस के साथ हाथ नहीं मिलाने वाली हैं। उन्होंने थर्ड फ्रंट की कोशिश जरूर की है, इसी वजह से ओडिशा सीएम नवीन पटनायक से लेकर जेडीएस नेता कुमारस्वामी से उन्होंने मुलाकात की है। लेकिन उन मुलाकातों के बीच अब नीतीश कुमार उनसे मिले हैं। बताया जा रहा है कि मुलाकात के दौरान 2024 के चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। इस बात पर भी जोर रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार बुरी तरह विफल हो चुकी है। ऐसे में जोर इस बात पर रहेगा कि कैसे बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जाए।
क्या कांग्रेस से हाथ मिलाएंगी ममता?
वैसे इससे पहले नीतीश कुमार ने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। तब उन सभी ने साथ में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी बातचीत की थी। उस एक मुलाकात के बाद ही ये सियासी संदेश देने का प्रयास रहा था कि बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होने जा रही हैं। लेकिन उस एकजुटता से तब सीएम ममता बनर्जी और उनकी टीएमसी गायब थी, उनकी रणनीति को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं था। ऐसे में अब उनसे मुलाकात कर नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का बड़ा संदेश देना चाहते हैं।
162 सीटों पर नजर, नीतीश की क्या है तैयारी?
अब इस मुलाकात के मायने इसलिए भी ज्यादा बन जाते हैं क्योंकि पश्चिम बंगाल से लोकसभा की 42 सीटें निकलती हैं। पिछले चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी ने 18 सीटें अपने नाम की थीं। ऐसे में इस बार उस प्रदर्शन को रोकने के लिए विपक्षी एकजुटता की कवायद की जा रही है। एक तरफ बिहार में सियासी चक्रव्यू सजाया जा रहा है तो यूपी में भी अखिलेश यादव से बात कर उसी एकजुटता को मजबूती देने की कोशिश हो रही है। उसके अलावा बंगाल से अगर ममता का साथ मिल जाता है तो कुल 162 सीटों पर मुकाबला दिलचस्प बन जाता है। 162 इसलिए क्योंकि यूपी से 80 सीटें निकलती हैं, बिहार से 40 और पश्चिम बंगाल से 42।
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि नीतीश कुमार, ममता से मिलने के बाद यूपी जा सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी बातचीत करने वाले हैं। उनसे भी विपक्षी एकजुटता पर ही बात की जाएगी और यूपी में कैसे बीजेपी को रोका जाए, इस पर मंथन रहेगा। यहां ये समझना जरूरी है कि इससे पहले भी कई मौकों पर नीतीश कुमार अपने स्तर पर विपक्षी एकजुटता की कवायद कर चुके हैं। वे कभी दिल्ली जाते हैं तो कभी बिहार में ही विपक्ष को एकजुट करने की बात करते हैं।