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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गिनती धीरे-धीरे तस्वीर साफ कर रही है। इसी बीच अलीनगर सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा में हैं लोक गायिका से राजनीति में आईं मैथिली ठाकुर। गिनती के ताजा रुझानों में मैथिली ठाकुर करीब 4,000 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं और बीजेपी को भी 130 के आसपास सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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ऐसे में एक दिलचस्प सवाल सबके जेहन में है—क्या गाने से मैथिली ठाकुर जितना कमाती हैं, उससे ज्यादा कमाई उन्हें विधानसभा पहुंचकर होगी? आइए इस चर्चा का पूरा विश्लेषण करते हैं। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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किस सीट से चुनाव लड़ रही हैं मैथिली ठाकुर?
मैथिली ठाकुर दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने इस बार उन पर बड़ा दांव लगाया है, वहीं उनके सामने आरजेडी के वरिष्ठ नेता बिनोद मिश्रा हैं। स्टार उम्मीदवार होने और लोकप्रियता के चलते इस सीट पर राष्ट्रीय स्तर पर भी खूब नजरें टिकी हुई हैं। (Photo Source: maithilithakur/instagram) -
काउंटिंग में बढ़त
राउंड 15 तक की काउंटिंग में मैथिली ठाकुर 51,879 वोटों के साथ 4,196 वोटों की मजबूत बढ़त बनाए हुए हैं। उनकी लोकप्रियता जिस तरह वोटों में बदलती दिख रही है, उससे यह मुकाबला बेहद रोमांचक बन गया है। (Photo Source: maithilithakur/instagram) -
मंच से MLA तक – कमाई का बड़ा सवाल
गायिकी से कमाई कितनी?
मैथिली ठाकुर आज भारत की सबसे लोकप्रिय लोक गायिकाओं में शामिल हैं। देश-विदेश में सैकड़ों शो, यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स और सोशल मीडिया पर विशाल पहुंच… यही उनकी कमाई का मुख्य स्रोत है। (Photo Source: maithilithakur/instagram) -
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह महीने में 12–15 लाइव शो करती हैं। एक शो की फीस 5–7 लाख रुपये। इस तरह महीने की कमाई 60–80 लाख रुपये, और सालाना कमाई 7–9 करोड़ रुपये तक बैठती है। यानी गायिकी ने न सिर्फ उन्हें लोकप्रियता दी है, बल्कि करोड़ों की कमाई भी कराई है। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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हालांकि, चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट के मुताबिक, मैथिली ठाकुर की घोषित संपत्ति और आय कुछ इस प्रकार है- कुल संपत्ति: कुल 3.82 करोड़ रुपये; चल संपत्ति: 3.04 करोड़ रुपये, अचल संपत्ति: 1.50 करोड़ रुपये (द्वारका, दिल्ली में फ्लैट), ITR में दिखाई गई वार्षिक आय (2023-24): 28,67,350 रुपये। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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विधायक बनने पर कितनी कमाई?
बिहार में एक विधायक की बेसिक सैलरी और भत्ते इस प्रकार हैं— बेसिक सैलरी: 50,000 रुपये; क्षेत्रीय भत्ता: 55,000 रुपये; बैठक भत्ता: 3,000 रुपये प्रतिदिन; PA भत्ता: 40,000 रुपये; स्टेशनरी भत्ता: 15,000 रुपये; कुल मिलाकर मासिक औसत कमाई 1.40 लाख रुपये से अधिक होती है। (Photo Source: maithilithakur/instagram) -
लेकिन MLA की असली ताकत सिर्फ पैसे में नहीं, बल्कि मिलने वाली सुविधाओं और प्रभाव में होती है। जैसे: सालाना 4 लाख रुपये तक मुफ्त यात्रा कूपन, सरकारी आवास, सुरक्षा, विशेष मेडिकल सुविधाएं, 25 लाख रुपये तक वाहन लोन, पूर्व विधायक होने पर 45,000 रुपये मासिक पेंशन, बिजली-पानी-फोन बिल में रियायत, मैथिली ठाकुर के लिए यह सब एक नई दुनिया—सत्ता, प्रभाव और पब्लिक सर्विस—का रास्ता खोलता है। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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तो कौन ज्यादा मुनाफे का सौदा है—गायिकी या विधायकी?
अगर सीधे पैसों की बात करें तो गायिकी की कमाई विधायक की सैलरी से कई गुना ज्यादा है। एक शो की फीस ही MLA की पूरी सैलरी से ज्यादा है। लेकिन, विधानसभा पहुंचने के फायदे सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि इससे कहीं अधिक हैं सामाजिक प्रतिष्ठा, राजनीतिक प्रभाव, बड़े मंच पर लोगों की सेवा का मौका, भविष्य में बड़े राजनीतिक पदों की संभावना, यानी MLA बनकर कमाई कम हो सकती है, पर पहुंच और प्रभाव अनंत रूप से बढ़ जाते हैं। (Photo Source: maithilithakur/instagram)
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