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कोलकाता रेप केस को लेकर पश्चिम बंगाल में इस वक्त भारी बवाल मचा हुआ है। हाल यह है कि छात्र नबन्ना मार्च कर रहे हैं और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। (Photo: Indian Express By Partha)
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पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के ऊपर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी दागे। लेकिन क्या आपको पता है कि नबन्ना अभियान क्या है? बहुत कम लोगों को पता है कि इससे पहले भी नबन्ना अभियान के तहत खूब बवाल मच चुका है। आइए जानते हैं: (Photo: Indian Express By Partha)
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आगे बढ़ने से पहले बता दें कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने हावड़ा के संतरागाछी में बैरिकेड्स लगाए थे जिसे छात्रों ने तोड़ दिया। इस वक्त संतरागाछी में जमकर बवाल मचा हुआ है। नबन्ना अभियान के ऐलान के बाद से पश्चिम बंगाल में सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी और प्रदर्शन को रोकने के लिए 60000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। हावड़ा ब्रिज को भी सील कर दिया गया और कोलकाता में कई लेयर की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। (Photo: Indian Express By Partha)
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क्या है नबन्ना?
दरअसल, हावड़ा में एक बिल्डिंग है जिसका नाम नबन्ना है। ये बिल्डिंग इसलिए खास है क्योंकि यहां प्रदेश का सचिवालय है जिसे नबन्ना भवन कहते हैं। 14 मंजिले इस इमारत में पश्चिम बंगाल सरकार के ऑफिस हैं। (Photo: Indian Express By Partha) -
मुख्यमंत्री का ऑफिस भी है यहां
इसके टॉप फ्लोर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का भी ऑफिस है और 13वें फ्लोर पर गृह सचिव का दफ्तर है। वहीं, 5वी मंजिल पर गृह विभाग का ऑफिस है। साल 2013 में ममता बनर्जी ने अपने दफ्तर को यहां शिफ्ट किया था। इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री का ऑफिस राइटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था। (Photo: Indian Express By Partha) -
क्या होता नबन्ना का मतलब?
नबन्ना का अर्थ होता है हार्वेस्ट फेस्टिवल जो किसानों के लिए काफी जरूरी होता है। जब चावल की नई फसल तैयार होती है तब ये त्योहार पश्चिम बंगला से लेकर बांग्लादेश तक में मनाया जाता है। इसे नोबो-ओन्नो कहा जाता जिसका मतलब होता है नया चावल। (Photo: Indian Express By Partha) -
पहले भी हुआ था नबन्ना प्रदर्शन
नबन्ना प्रदर्शन इससे पहले ही साल 2021 में हो चुका है और तब भी खूब बवाल मचा था। इस संगठन को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया, वाम मोर्चा और अन्य वामपंथी दलों और छात्र संगठनों ने किया था। (Photo: Indian Express By Partha)