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बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) पर बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह (Daya Shanker Singh) की टिप्पणी और अपशब्द से नाराज हो कर बसपा ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इस आंदोलन में मायावती के चेहते नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Naseemuddin Siddiqui) ने जोश में दशशंकर की पत्नी स्वाति सिंह (Swati Singh) और उनकी मां को भी घसीट लिया था। इसके बाद मामले ने ऐसा तूल पकड़ा की वह जेल पहुंच गए थे।
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20 जुलाई 2016 को बीजेपी नेता दयाशंकर ने मायावती पर आरोप लगाया था कि कांशीराम के सपने को मायावती तोड़ रही हैं। उन्होंने मायावती पर टिकटों की इस तरह से बिक्री का आरोप लगाते हुए अपशब्द कहे थे। इसे भी पढ़ें- मयावती बनाम मैडम चीफ मिनिस्टर: कितनी कहानी कितना सच
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मायावती को जब ये बात पता चली तो उन्होंने विधानसभा में दयाशंकर उनके परिवार के खिलाफ खूब गुस्सा निकाला था। मायावती के अपमान से बसपा में आक्रोश था।
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मायावती के खिलाफ अपशब्द बोले जाने से एक समय उनके चहेते रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन लखनऊ में शुरू हो गया। हालांकि, इस प्रकरण के बाद बीजेपी ने दयाशंकर को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया था।
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उस समय बसपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी अपने कुछ समर्थकों के साथ लखनऊ के हज़रतगंज चौराहे पर पहुंच गए और विरोध शुरू हुआ। इस आदोलन में नसीमुद्दीन एक गलती कर गए और दयाशंकर की मा और उनकी पत्नी और बेटी की पेशी के नारे लगाने लगे थे। इसे भी पढ़ें- मायावती ने आरएसएस को दिया था 10 लाख का अनुदान
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इसके बाद मायावती से भी मांग की जाने लगी की नसीमुद्दीन के खिलाफा कार्रवाई की जाए। लेकिन कार्रवई से पहले ही 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर की मां ने हज़रतगंज कोतवाली में नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी और मायावती समेत अन्य नेताओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया।
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इसके बाद मायावती के उस समय चहेते रहे नसीमुद्दीन को जेल जाना पड़ा। हालांकि आंदोलन में मायावती नहीं थीं, इसलिए उनपर कोई केस नहीं बना। इसे भी पढ़ें- जब इस बीजेपी नेता की मौत पर फूट-फूट कर रोई थीं मायावती
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इस घटना ने दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को लाइमलाइट जरूर ला दिया और बीजेपी ने दयाशंकर तो पार्टी से निकाल कर उनकी पत्नी स्वाति सिंह को बीजेपी में मौका दे दिया और उन्हें स्वाति सिंह को भाजपा की महिला प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
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राजस्थान पत्रिका के अनुसार स्वाति सिंह ने कहा थ्ा कि यदि उनके पति ने गलती की तो उन्हें कानून सजा देता, लेकिन उनके परिवार या उनकी क्या गलती थी कि बसपा नेताओं ने उनके खिलफ भद्दी टिप्पणियां कीं। इसे भी पढ़ें- मायावती जब आईएएस की तैयारी छोड़ एक बात पर राजनीति में कूद पड़ी थीं
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बीजेपी नेता दयाशंकर और बसपा नेता रहे नसीमुद्दीन को भले ही उनके कर्मो की सजा मिली, लेकिन बसपा में रहते हुए जब उनपर करोड़ाें रुपये के फंड में घपलेबाजी का आरोप लगा तो मायावती ने मई 2017 में नसीमुद्दीन को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
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पार्टी से अलग होने के बाद नसीमुद्दीन ने भी दयाशंकर की तरह टिकट बेचने का आरोप मायावती पर लगाया था। (All Photos: PTI)
