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प्राचीन भारत की परंपराओं में से एक योग भी है। योग के जरिए निरोगी रहा जा सकता है। योग और प्राचीन वैदिक परंपराओं में कई प्रकार की मुद्राएं (हाथ के संकेत) किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य शरीर की ऊर्जा को संतुलित करना, मन को शांत करना और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना होता है। (Photo: Pexels) खुद को रोज सिर्फ 10 मिनट दें, दो ऐसे योगासन जो एंग्जायटी, तनाव और जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं
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इन्हीं में से एक है मोहिनी मुद्रा जिसका नाम भगवान विष्णु के मोहक रूप ‘मोहिनी’ से लिया गया है। मोहिनी अपने अद्भुत आकर्षण, सौंदर्य और मनमोहक प्रभाव के लिए जानी जाती है। (Photo: Freepik)
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ऐसा माना जाता है कि इस मुद्रा को नियमित रूप से करने से आंतरिक आकर्षण, आत्मविश्वास और चार्म बढ़ता है। यह ऊर्जा को ऐसा रूप देती है जिससे व्यक्तित्व स्वाभाविक रूप से प्रभावशाली महसूस होने लगता है। (Photo: Pexels)
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क्या है मोहिनी मुद्रा?
मोहिनी मुद्रा करने के लिए दोनों हाथों में अंगूठे और छोटी उंगली (कनिष्ठिका) को हल्के से मिलाया जाता है। यह मुद्रा शरीर की उस ऊर्जा को सक्रिय करती है जो सौंदर्य, आकर्षण और भावनात्मक संतुलन से जुड़ी मानी जाती है। (Photo: Pexels) सिर्फ दो योग जो हर किसी को रोज करना चाहिए, पूरे शरीर को रखते हैं स्वस्थ -
इसके साथ ही इसे शुक्र ग्रह ऊर्जा से भी जोड़कर देखा जाता है, जो प्रेम, रचनात्मकता और सौंदर्य का प्रतीक है। इस मुद्रा से आकर्षण बढ़ता है, व्यक्तित्व में निखार आता है, चेहरे पर चमक और भीतर आत्मविश्वास पैदा होता है। (Photo: Pexels)
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मोहिनी मुद्रा कैसे करें?
मोहिनी मुद्रा को शांत स्थान पर करना चाहिए। सीधे बैठकर दोनों हाथों में अंगूठे और सबसे छोटी उंगली को मिलाएं। बाकी तीन उंगलियों को ढीला और आरामदायक रखें। हाथों को छाती के सामने रखें, अंगूठे ऊपर की ओर होने चाहिए। (Photo: Pexels) -
अपनी आंखों को बंद कर दोनों भौंहों के बीच आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें। गहरी और धीमी सांस लेते हुए इसे 5–10 मिनट तक अभ्यास करें। नियमित रूप इसका अभ्यास करने सा लाभ मिल सकता है। (Photo: Freepik)
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कैसे आकर्षण बढ़ाती है ये मुद्रा?
मोहिनी मुद्रा सूक्ष्म ऊर्जा केंद्रों पर काम करती है मुख्य रूप से हृदय चक्र जो भावनाओं और प्रेम का केंद्र है। आज्ञा चक्र जो आकर्षण, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व का केंद्र है। (Photo: Freepik) -
इसके नियमित अभ्यास से आकर्षण बढ़ता है, आत्मविश्वास मजबूत होता है, लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, चेहरे पर स्वाभाविक चमक और सौम्यता आती है। इसके साथ ही सच्चा आकर्षण सिर्फ चेहरे में नहीं बल्कि ऊर्जा और आभा में भी नजर आएगी। इसके साथ ही मन को शांति मिलती है। (Photo: Freepik) इन पांच फूड्स को खाने के बाद नहीं पीना चाहिए पानी, पाचन के लिए होता है खतरनाक