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क्या आप भी टॉयलेट में मोबाइल लेकर बैठते हैं और 10-15 मिनट निकाल देते हैं? अगर हां, तो जरूरी है कि आप अपनी इस आदत को सीरियसली लें। डॉक्टरों का कहना है कि टॉयलेट में बहुत देर तक बैठना सिर्फ एक बुरी आदत नहीं, बल्कि पेट से जुड़ी सेहत का भी आईना है। (Photo Source: Unsplash)
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टॉयलेट में कितना समय सामान्य है?
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट्स के अनुसार, 5 मिनट तक का समय टॉयलेट में बिताना सामान्य माना जा सकता है। अगर इससे ज्यादा वक्त लग रहा है, तो ये या तो आपकी खानपान की गड़बड़ी का नतीजा है, या फिर कब्ज और तनाव जैसी समस्याओं का। (Photo Source: Pexels) -
डॉक्टर्स का मानना है कि 1-2 मिनट में आसानी से मलत्याग होना चाहिए। 10 मिनट से ज्यादा टॉयलेट में बैठना पेट और गुदा की नसों पर दबाव डालता है। बार-बार स्ट्रेन करना, अधूरा मलत्याग या दर्द महसूस होना क्लिनिकल संकेत हो सकते हैं। (Photo Source: Pexels)
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क्यों लेता है इतना वक्त?
फोन की लत – हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि ज्यादातर मिलेनियल्स और Gen-Z टॉयलेट में मोबाइल स्क्रॉल करते रहते हैं। यही वजह है कि वे जरूरत से ज्यादा देर टॉयलेट में बैठे रहते हैं।
कब्ज – फाइबर की कमी, पानी कम पीना और प्रोसेस्ड फूड खाने से कब्ज की समस्या हो जाती है। (Photo Source: Pexels) -
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य – रिसर्च में पाया गया है कि तनाव और चिंता भी मलत्याग की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
खानपान की आदतें – कम फाइबर और ज्यादा जंक फूड खाने से पेट की गड़बड़ी और लंबा टॉयलेट टाइम बढ़ता है। (Photo Source: Pexels) -
टॉयलेट में ज्यादा समय बैठने के नुकसान
पाइल्स (बवासीर) का खतरा – ज्यादा देर तक बैठने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है।
कमर, गर्दन और पैरों में दर्द – गलत पोजिशन में लंबे समय तक बैठना मांसपेशियों और नसों को प्रभावित करता है। (Photo Source: Unsplash) -
संक्रमण का खतरा – टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करने से फोन पर कीटाणु जमा हो जाते हैं।
आदत का हिस्सा बनना – बार-बार मोबाइल के साथ टॉयलेट जाने से ये एक मानसिक निर्भरता बन सकती है। (Photo Source: Unsplash) -
सही बाथरूम हैबिट्स अपनाने के तरीके
फाइबर का सेवन बढ़ाएं – आहार में साबुत अनाज, दालें, फल और हरी सब्जियां शामिल करें।
उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ – ओट्स, बीन्स, मटर, मसूर, पॉपकॉर्न, अमरूद, रसभरी, कद्दू के बीज डाइट में शामिल करें।
पानी पिएं – फाइबर के साथ पर्याप्त पानी जरूरी है, वरना कब्ज बढ़ सकती है। (Photo Source: Pexels) -
स्ट्रेस कंट्रोल करें – मेडिटेशन और योग अपनाएं।
फौरन टॉयलेट जाएं – मलत्याग की इच्छा को रोकें नहीं, वरना स्टूल और कठोर हो जाएगा।
डॉक्टर से सलाह लें – अगर खून, दर्द, बार-बार कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं हों, तो गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से मिलें। (Photo Source: Unsplash) -
नॉर्मल क्या है और कब सतर्क हों?
दिन में 3 बार से लेकर हफ्ते में तीन बार तक मलत्याग सामान्य माना जाता है। मल त्याग आसान और मुलायम होना चाहिए, बहुत ज्यादा जोर न लगाना पड़े। खून, म्यूकस, लगातार कब्ज या दस्त, वजन घटना या पेट दर्द – ये सभी चेतावनी संकेत हैं। (Photo Source: Unsplash)
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