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योग में हर आसन का अपना महत्व होता है। इन्हीं में से एक है मलासन (Malasana) जिसे आसान शब्दों में ‘स्क्वाट पोज’ भी कहा जाता है। इसे सामान्य भाषा में “गारलैंड पोज” भी कहा जाता है। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली योग मुद्रा है, जिसे रोजाना करने से शरीर और मन दोनों को लाभ मिलता है। आइए जानते हैं मलासन करने की सही विधि और इसके अद्भुत फायदे। (Photo Source: Unsplash)
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मलासन करने की विधि
सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा ज्यादा फैलाएं। घुटनों को मोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे बैठें, जैसे स्क्वाट कर रहे हों। (Photo Source: Pexels) -
हथेलियों को जोड़कर प्रार्थना की मुद्रा (नमस्कार) में छाती के सामने रखें। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और गहरी सांस लें। इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे खड़े हो जाएं। (Photo Source: Pexels)
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मलासन करने के फायदे
पाचन शक्ति में सुधार
मलासन करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। यह कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है और आंतों की कार्यप्रणाली को सुचारु रखता है। इस आसन से पेट साफ रहता है और गैस या अपच की परेशानी कम होती है। (Photo Source: Pexels) -
घुटनों और हड्डियों को मजबूती
इस योग मुद्रा से घुटनों और पैरों की हड्डियां मजबूत होती हैं। नियमित अभ्यास से हड्डियों की लचीलापन बढ़ता है और जोड़ों का दर्द कम होता है। (Photo Source: Pexels) -
पीठ दर्द से राहत
जो लोग लोअर बैक पेन (कमर दर्द) से परेशान रहते हैं, उनके लिए मलासन बहुत फायदेमंद है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को खिंचाव देता है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। इससे पीठ दर्द में आराम मिलता है और कमर लचीली होती है। (Photo Source: Pexels) -
मांसपेशियों को मजबूत बनाना
मलासन करने से पैरों, जांघों, पिंडलियों और ग्लूट्स की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह मुद्रा बॉडी स्ट्रेंथ और बैलेंस बढ़ाने में भी मदद करती है। (Photo Source: Pexels) -
मानसिक स्थिरता में सुधार
शारीरिक लाभों के साथ-साथ मलासन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। इस आसन को करने से दिमाग शांत होता है, तनाव कम होता है और मानसिक स्थिरता बढ़ती है। (Photo Source: Pexels) -
किन्हें नहीं करना चाहिए मलासन
घुटनों में गंभीर चोट या सर्जरी के बाद इस आसन से बचें। गर्भवती महिलाओं को इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कमर या रीढ़ की गंभीर समस्या वाले लोग सावधानी से इसका अभ्यास करें। (Photo Source: Unsplash)
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