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मायावती (Mayawati) को राजनीति में लाने वाले कांशीराम (Kanshi Ram) थे। मायावती को 21 साल की उम्र में आईएएस बनने का सपना संजोई थीं, लेकिन कांशीराम ने उनसे सिर्फ एक बात कही और मायावती ने आईएएस (IAS) की तैयारी छोड़ दी। तो चलिए जानें कि क्या थी वह एक बात जो मायावती की सोच को ही बदल डाली।
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मायावती ने से जब कांशीराम की मुलाकात हुई थी तो वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ कर रही थीं। इसे भी पढ़ें-जब लोकसभा में मायावती ने चिल्लाकर कहा था, आरिफ लाल बटन ही दबाना
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मायावती ने डीयू में मंच पर दलित उत्थान से जुड़ा एक भाषण दिया था। इस मंच पर मौजूद एक नेता की उन्होंने धज्जियां उड़ा दी थीं। यह बात जब कांशीराम को पता चली तो वह मायावती से मिलने पहुंचे थे।
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कांशीराम ने मायावती के घर गए और उनसे बात की और पूछा कि वह आइएएस बनकर क्या करना चाहती हैं। मायावती ने कहा था कि वह दलितों समाज की सेवा करना चाहती हैं।
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कांशीराम ने तब मायावती से कहा था कि अधिकारी तो बहुत बन चुके हैं, लेकिन दलित समाज कितना बदला? इसे भी पढ़ें- बीजेपी नेता की मौत पर रो पड़ी थीं मायावती
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कांशीराम ने मायावती से कहा था कि नेता बनो, सत्ता में आओ। अधिकारियों को भी सत्ताधारी नेताओं की ही सुननी होती है और उसके बाद मायावती ने आईएएस की तैयारी छोड़ दी।
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मायावती भी मानती थीं कि देश में बाबा साहब डॉ. आंबेडकर के बाद कई लोगों, राजनीतिक पार्टियों, संगठनों ने आंदोलन किए थे, लेकिन कांशीराम का आंदोलन एकदम अलग था। इसे भी पढ़ें- आरएसएस को मायावती ने दिया था दस लाख का अनुदान
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कांशीराम के साथ मायावती जुड़ीं और कांशीराम ने अपना उत्तराधिकारी भी उन्हें ही बनाया। (All Photos: PTI)
