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दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार गुरुवार को थम गया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान सात फरवरी को होगा। वोटों की गिनती दस फरवरी को होगी। निर्वाचन आयोग ने 12 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। चुनावों की अधिसूचना 14 जनवरी को लागू हो गई थी। (फोटो: एपी)
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उसके बाद से दिल्ली में तीनों प्रमुख दलों भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने युद्ध स्तर पर अपना प्रचार शुरू कर दिया। मतदान से पहले चुनावी घमासान में खास बात यह थी कि निशाने पर आप ही रही। (फोटो: एपी)
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प्रधानमंत्री की चार सभाओं में उनके भाषण का मुख्य हिस्सा अरविंद केजरीवाल रहे। वहीं भाजपा केजरीवाल पर लगातार आरोप लगाती रही, जिससे वे एक तरह से नायक बन कर उभरे। (फोटो: भाषा)
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इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव पिछले चुनावों को देखते हुए काफी गर्म माहौल में हो रहा है। प्रचार के अंतिम दिन ऐसा लग रहा था कि भाजपा और आप में ही ज्यादातर सीटों पर सीधा मुकाबला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी पार्टी की पूरी ताकत चुनावों में झोंक दी, लेकिन प्रचार के अंतिम दिन तक वह मतदाताओं तक नहीं पहुंच पाई। (फोटो: भाषा)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी आप को घेरने के लिए अपना, सरकार के कई मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सांसदों और राष्ट्रीय संगठन को चुनावी रणभूमि में उतार दिया। (फोटो: भाषा)
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आप ने सबसे पहले प्रचार शुरू किया था। उस समय भाजपा ने न तो उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू की थी और न ही चुनावों को लेकर कमेटियां ही बनाईं थीं, उससे पहले आप ने करीब 50 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। आप के जिन उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी, उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया था। (फोटो: भाषा)
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भाजपा ने दिल्ली के चुनाव को लेकर अपना दृष्टिपत्र जहां चुनाव से सात दिन पहले जारी किया, वहीं आप ने कभी व्यापारियों, कभी युवाओं और छात्रों तो कभी महिलाओं व ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर घोषणाएं शुरू कर दीं। आप नेता अरविंद केजरीवाल जगह-जगह सभाएं भी करने लगे। (फोटो: भाषा)
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आप के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप के पक्ष में चली आंधी में दिग्गज पार्टियों भाजपा ही नहीं कांग्रेस का भी सूपड़ा साफ कर दिया। (फोटो: भाषा)
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भाजपा केजरीवाल पर लगातार आरोप लगाती रही, जिससे वे एक तरह से नायक बन कर उभरे। (फोटो: भाषा)
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कांग्रेस ने भी पूरी ताकत लगाई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बदरपुर में चुनावी सभा हुई। (फोटो: भाषा)
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उनके अलावा पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भलस्वा जंहागीरपुरी और शास्त्री पार्क में दो बड़ी सभाएं हुईं और उन्होंने सदर बाजार के आजाद मार्केट से चांदनी चौक, कालकाजी और सुल्तानपुर माजरा में रोड शो भी किए। (फोटो: भाषा)
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