महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को रत्नागिरि में गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी से पहले उनकी जमानत की अर्जी भी नामंजूर कर दी गई। इससे पहले रत्नागिरि पुलिस अधीक्षक नारायण राणे से मिलने पहुंचे और कागजी कार्रवाई की। इसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया। उनको अब रत्नागिरि कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।”

नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मंगलवार को केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे। उनके खिलाफ महाराष्ट्र के उत्तरी शहर में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्होंने यह आदेश जारी किए थे। अधिकारी ने बताया कि आदेश के बाद नासिक पुलिस का एक दल मंगलवार सुबह रत्नागिरी जिले के लिए रवाना हुआ, जहां राणे अभी अपनी ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ निकाल रहे हैं। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं।

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इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती देते हुए मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया। अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राणे ने गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया था।

उधर, शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। राणे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद राउत ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है।

राउत ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि राणे खुद ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर समाज को क्या संदेश देंगे। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ यह इस देश के प्रधानमंत्री के लिए भी अपमानजनक है।’’