विभिन्न मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरते रहने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में कयासों का दौर शुरू हो चुका है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान साउथ एवेन्यू स्थित आवास पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद बाहर आए भाजपा के राज्यसभा सांसद ने टीएमसी में शामिल होने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि वे तो हर समय साथ ही हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। फिर भी, ममता बनर्जी से उनकी मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
जबकि, इस मुलाकात के बाद स्वामी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी की तारीफ की और कहा, ”मैं जितने राजनेताओं से मिला या उनके साथ काम किया, उनमें ममता बनर्जी जेपी, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के जैसी हैं। इन लोगों की कथनी और करनी में फर्क नहीं था। भारतीय राजनीति में ये एक दुर्लभ गुण है।”
सुब्रमण्यम स्वामी विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं। देश की आर्थिक स्थिति को लेकर वे लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। वहीं, आए दिन उनके बयानों के कारण पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ममता बनर्जी दिल्ली के अपने दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कुछ समय बाद मुलाकात करने वाली हैं। वह 25 नवंबर तक दिल्ली में रहेंगी। ऐसे में चर्चा है कि ममता बनर्जी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अलावा विपक्ष के अन्य नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे और लगातार नेताओं से मुलाकात पर भाजपा ने कहा कि टीएमसी उन्हें अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करे।
ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के पहले दिन राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर और कीर्ति आजाद ने टीएमसी का दामन थाम लिया। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी अपनी पार्टी को विस्तार देने के मिशन में जुटी हैं और इस क्रम में दूसरे दलों के कई नेता टीएमसी में शामिल हो चुके हैं।
वहीं, बुधवार को होने वाली पीएम मोदी से उनकी मुलाकात के संबंध में टीएमसी की ओर से बताया गया है कि सीएम ममता बनर्जी प्रधानमंत्री से शाम पांच बजे मुलाकात करेंगी, जहां वह बंगाल में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र और त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले सहित विभिन्न मुद्दों को उनके सामने उठाएंगी।