दिल्ली में नई आॅनलाइन सामान्य व्यापार लाइसेंस नीति से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का राजस्व कई गुना बढ़ गया है। साल 2015-16 में 2.63 करोड़ रुपए के राजस्व के मुकाबले 2016-17 की पहली तिमाही में राजस्व संकलन लगभग 5.60 करोड़ रुपए हो गया है। राजस्व संकलन में मध्य क्षेत्र 2.38 करोड़ रुपए के साथ पहले और दक्षिणी क्षेत्र 1.68 करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर है। निगम ने इस नई पारदर्शी लाइसेंस नीति को व्यापारियों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने का दावा किया है। नई नीति 23 नवंबर 2015 से लागू की गई थी।
आॅनलाइन सामान्य व्यापार लाइसेंस नीति व्यापारियों के लिए काफी सुविधाजनक मानी जा रही है। नई नीति लागू होने से निगम के राजस्व में वृद्धि होगी। यह नीति बेहद पारदर्शी है और ई-व्यापार, ई-सेवाओं के प्रयोग व नागरिक केंद्रित अवधारणा के अनुरूप है। महज एक कंप्यूटर क्लिक से व्यापारियों के लिए किसी भी स्थान से व्यापार लाइसेंस हासिल करना बहुत सुविधाजनक है। लाइसेंस स्वीकृत किए जाने की प्रक्रिया का लाभ एसएमएस व ई-मेल के माध्यम से भी उठाया जा सकता है। इसके जरिए व्यापारियों को कठिनाइयों से मुक्ति देने के लिए आॅनलाइन आवेदन के साथ भेजे गए दस्तावेजों की पुष्टि ग्लोबल डॉक्यूमेंट टाइप आइडेंटिफायर टेक्नोलॉजी से की जाती है, जिससे व्यापारियों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होती। सभी पक्षों के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श से निगम इस नीति को और सुगम बनाने का प्रयास करेगा।
व्यापार लाइसेंस के रिकॉर्ड सुचारू बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवेदकों को नए व्यापार-भंडारण लाइसेंस डीएमसी एक्ट की धारा 417 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तैयार लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए अपेक्षित दस्तावेजों, स्वघोषित अंडरटेकिंग, बिना पुष्टि के दस्तावेज, स्थल निरीक्षण और भुगतान की रसीद के साथ आवेदन आॅनलाइन जमा कराना होता है तथा लाइसेंस भी आॅनलाइन ही मिल जाता है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम डीएमसी एक्ट 1957 के अनुसार परिभाषित व्यापारिक भवनों में व्यापार गतिविधियां चलाने के लिए व्यापारियों को सामान्य व्यापार/भंडारण लाइसेंस जारी करता है। सभी व्यापारियों के लिए डीएमसी एक्ट 1957 की धारा 417 के तहत ऐसा लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
नई नीति लागू होने से इस साल की पहली तिमाही में निगम को व्यापार लाइसेंस जारी करने की मद में 5,59,80,423 रुपए का राजस्व मिला। सबसे अधिक 2,37,61,742 रुपए का राजस्व मध्य क्षेत्र से, 1,68,49,652 रुपए दक्षिणी क्षेत्र से, 88,40,781 रुपए पश्चिमी क्षेत्र से और 65,28,248 रुपए नजफगढ़ क्षेत्र से प्राप्त हुए। यह राजस्व लाइसेंस शुल्क के तौर पर मिला। यह राजस्व लाइसेंस जारी करने के 1855 मामलों और नवीनीकरण के 2974 मामलों से संबंधित है।
कुल मिलाकर सबसे अधिक 1819 मामले मध्य क्षेत्र से, 1417 दक्षिणी क्षेत्र से, 781 पश्चिमी क्षेत्र से और 812 नज़फगढ़ क्षेत्र से मिले। साल 2014-15 में निगम को इस मद में 2.85 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। 2015-16 के पहले आठ महीने में निगम को 2.63 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में लाइसेंस की मद से लगभग 5.60 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इस आधार पर मार्च 2017 तक लगभग 20 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है।