जन्माष्टमी के पर्व के अगले दिन महाराष्ट्र की गलियों में गोविंदा आला रे की धूम इस बार नहीं सुनाई देगी। शिवसेना सरकार ने लोगों के जमावडे़ पर रोक लगा दी है। उद्धव सरकार का मानना है कि दही हांडी के लिए पिरामिड बनाने के लिए लोग जुटेंगे तो इससे संक्रमण रफ्तार पकड़ सकता है। लिहाजा लोग इस तरह की कवायद से दूर रहें और एकत्र न होने पाए। बीजेपी नेता राम कदम ने दही हांडी मनाने का ऐलान किया था। मंगलवार सुबह पुलिस उनके घर पर पहुंच गई। उनसे कहा गया कि नियमों को तोड़ा तो उन्हें अरेस्ट भी किया जा सकता है।

जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का उत्सव मनाने की प्रथा महाराष्ट्र में आम है। गणेश विसर्जन की तरह से इसके लिए भी लोग भारी तादाद में सड़कों पर जमा होते हैं। नवमी के दिन दही ​हांडी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। ये उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। हालांकि देश के कई स्थानों पर इसका आयोजन होता है, लेकिन दही ​हांडी उत्सव की शोभा महाराष्ट्र और गोवा में निराली ही होती है। लोग जमकर इसका लुत्फ उठाते हैं।

हालांकि, महाराष्ट्र सरकार कोरोना नियमों का हवाला देकर दही हांडी उत्सव को मनाने से रोक रही है, लेकिन दूसरी तरफ यूपी की योगी सरकार ने धार्मिक भावनाओं के मद्देनजर लोगों को छूट भी दी है। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को देखते हुए रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू लागू है, लेकिन जन्माष्टमी के मद्देनजर इसमें एक दिन के लिए छूट दी गई है। मंगलवार से नाइट कर्फ्यू फिर से लागू हो जाएगा।

इस छूट के दौरान प्रदेश भर में जन्माष्टमी के पर्व पर निर्धारित सीमा के साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यूपी में जन्माष्टमी के अवसर पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक के कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गई है। सोशल डिस्टेंसिंग और निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सरकार का आदेश है कि सुनिश्चित किया जाए कि इन कार्यक्रमों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो और मास्क व सेनेटाइजर का इस्तेमाल अवश्य किया जाए।

हालांकि, मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया। कई जगहों पर धरने प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया। मुंबई में कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ FIR दर्ज की।

महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा शराब और अन्य दुकानों को संचालन की अनुमति देने, लेकिन मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं देने पर सवाल उठाया। पाटिल ने सवाल किया कि क्या महामारी की संभावित तीसरी लहर का डर शराब की दुकानों और अन्य दुकानों पर लागू नहीं होता है? क्या कोरोना वायरस उनसे (सरकार) बात करता है और कहता है कि वह तभी हमला करेगा जब मंदिर फिर से खुलेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना अपने सहयोगियों कांग्रेस और राकांपा को खुश करने के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दे रही है।

उधर, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दही हांडी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ ठाणे में प्रदर्शन किया। उनका सवाल था कि क्या राज्य सरकार ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया? पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को लोकल ट्रेनों में सफर की अनुमति दी गयी है। वही मानदंड लागू कर मंदिर खोलने के साथ दही हांडी को मनाने की अनुमति दी जा सकती है। बीजेपी के साथ मनसे ने सांकेतिक रूप से दही हांडी उत्सव को मनाने का ऐलान भी किया।