बीसीसीआइ की अनुशासन समिति ने भ्रष्टाचार के आरोपी क्रिकेटरों अजित चंदीला और हिकेन शाह पर फैसला 18 जनवरी तक टाल दिया है क्योंकि इस मामले के तीसरे आरोपी पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ ने अपना पक्ष पेश करने के लिए अधिक समय मांगा है। चंदीला और शाह से पहले ही बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह की तीन सदस्यीय समिति पूछताछ कर चुकी है। रऊफ को पैनल ने नोटिस जारी करके उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को जवाब देने के लिए कहा था।

रऊफ के खिलाफ स्पाट फिक्सिंग मामले में आरोप पत्र दायर है। उन्हें पाकिस्तान के 15 सट्टेबाजों के साथ ‘वांछित आरोपी’ घोषित किया गया था। मंगलवार की बैठक में रउफ को जवाब देने के लिए अधिक समय देने का फैसला किया गया। बीसीसीआइ ने बयान में कहा कि बोर्ड की अनुशासन समिति की आज मुंबई में बैठक हुई। हिकेन शाह स्वयं उपस्थित थे और उन्होंने जांच में निष्कर्षों को लेकर मौखिक और लिखित जवाब पेश किया। समिति ने असद रऊफ की जवाब देने के लिए अधिक समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया।

इसमें कहा कहा गया है कि समिति की अब 18 जनवरी 2016, सोमवार को क्रिकेट सेंटर में बैठक होगी। रऊफ ने खुद को निर्दोष करार दिया और आरोप लगने के बाद वह कभी भारत दौरे पर नहीं आए। दूसरी तरफ इन दोनों खिलाड़ियों ने 24 दिसंबर को यहां समिति के सदस्यों के सामने उपस्थित होकर सवालों के जवाब दिए। इसके बाद तीन सदस्यीय पैनल ने इन्हें उनके खिलाफ लगाए गए स्पाट फिक्सिंग के आरोपों का कल तक लिखित जवाब देने का समय दिया और इसलिए फैसला टाल दिया था। चंदीला को 2013 में आइपीएल मैचों को स्पॉट फिक्स करने की कोशिश में राजस्थान रायल्स के अपने साथियों श्रीसंत और अंकित चव्हाण के साथ गिरफ्तार किया गया था। श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआइ ने आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है।

शाह ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के अपने साथी जो आइपीएल टीम का भी सदस्य था, के सामने अनुचित पेशकश की थी। जिस खिलाड़ी से यह अनुचित पेशकश की गयी थी उसने अपनी फ्रेंचाइजी टीम को इसकी जानकारी दी जिसने बीसीसीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) को इसकी सूचना दी।