आज तक के टॉक शो सीधी बात में ऐंकर प्रभु चावला ने बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ से कहा कि अगर ममता सरकार हर मोर्चे पर फेल है तो अमित शाह को चिट्ठी लिखकर क्यों नहीं कहा कि इस सरकार को निकालो। धनखड़ ने कहा कि वह कमजोर या रबर स्टैंप नहीं हैं। हर महीने वह अपनी रिपोर्ट बंगाल को लेकर भेजते हैं। उनका कहना था कि चिट्ठी में क्या लिखते हैं वो चैनल पर नहीं बताएंगे। बंगाल का हित उनके लिए सर्वोपरि है।
धनखड़ ने कहा कि बंगाल का राज्यपाल बनना मेरे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध चरम पर हैं। यहां हालात बहुत खराब हैं। हर जगह डर का माहौल है। उनका कहना था कि राज्य सरकार सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रही है। यह एक चुनी हुई सरकार के लिए ठीक प्रैक्टिस नहीं है। उनका कहना था कि राज्य सरकार को चाहिए कि वो भेदभाव के बगैर समाज के सभी वर्गों के लिए काम करे, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि संविधान की रक्षा और जनहित मेरी जिम्मेदारी है। ये मेरा संकल्प भी है कि किसी भी परिस्थिति में संविधान की लक्ष्मण रेखा न तो मैं पार करूंगा और न ही किसी और को करने दूंगा। बंगाल में उद्योग धंधे बंद होते जा रहे हैं। महिला अपराध चरम पर हैं। यहां हालात बहुत खराब हैं। प्रशासन ने दुष्कर्म और अपहरण की जानकारी देने से मना कर दिया है। हमें महिला अपराध का डाटा नहीं दिया जा रहा है।
धनखड़ ने कहा कि उन्हें आज तक किसी सरकारी प्रोग्राम में नहीं बुलाया गया। जब असेंबली में उनका अभिभाषण जब हुआ तो मीडिया तक को भी नहीं बुलाया गया। उनका कहना था कि जो उन्होंने असेंबली में कहा वो बात किसी अखबार में नहीं आई। उनका कहना था कि राज्य के संवैधानिक अध्यक्ष को ब्लैक आउट कर दिया गया।
राज्यपाल ने ममता बनर्जी पर साथ न देने का आरोप लगाया। ममता बनर्जी से फोन पर कई बार बात हुई, हालांकि उतनी बार मुलाकात नहीं हुई जितनी की होनी चाहिए थी। मैंने किसी एसपी और कलेक्टर की शक्ल तक नहीं देखी है। प्रोग्राम के अंत में उन्होंने कहा कि बंगाल का राज्यपाल बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है और उनकी पुरजोर कोशिश है कि बंगाल में लोकतंत्र को फिर से बहाल किया जाए। उनका कहना था कि इसे वह किसी भी कीमत पर करेंगे।