दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में तीन हजार से ज्यादा सिख छात्रों व युवाओं ने सुरक्षा जवानों की मदद से मार्च कर कर्त्तव्य पथ पर समां बाध दिया। समारोह की शुरुआत गुरु हर किशन पब्लिक स्कूलों के सौकड़ों बच्चों के सामूहिक शबद कीर्तन से हुई समारोह का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से हुआ।
कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेता व दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलो ने प्रधानमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस कार्यक्रम को लेकर जहां भारत सरकार और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ नामधारी सिखों ने समर्थन और उत्साह दिखाया। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप काहलो ने कहा कि वीर बाल दिवस मनाने से अब साहिबजादों का इतिहास घर-घर तक पहुंचेगा।
‘नामधारी सिख’ प्रमुख ठाकुर दिलीप सिंघ ने कहा इस समारोह को भव्यता से मनाने का प्रधानमंत्री का फैसला एक दूरदर्शी नजरिया है जिससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। देश के सभी बच्चों को उनकी वीरता के बारे में जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा-वीर बाल दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाना, भाजपा सरकार की, सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। सिख नेताओं ने कहा कि साहिबजादों का इतिहास केवल भारत में ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी, अर्जुन राम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे।
नाम को लेकर सियासत न करने की अपील : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका और नामधारी सिखों के गुरु ठाकुर दिलीप सिंघ ने सोमवार को कहा कि साहिबजादे के स्मरण व समारोह पर नाम को लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए। बता दें कि इस समारोह के शीर्षक (नाम) को लेकर सिख संगठनों में विवाद उत्पन्न हो गया था। कार्यक्रम को वीर बाल दिवस की जगह साहिबजादा शहादत दिवस कार्यक्रम के रूप में अपनाने को कहा जाने लगा था। कार्यक्रम को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने को लेकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अकाल तख्त के जत्थेदार और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने मतभेद जताया था। यहां बता दें कि विरोध नाम को लेकर था न कि कार्यक्रम को लेकर।
उन्होंने प्रेस को जारी बयान में कहा कि जो लोग इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं वह दरअसल सिर्फ और सिर्फ इस मामले पर राजनीति कर रहे हैं ऐसे लोग व संगठन गुरुगोविंद सिंह जी के साहिबजादों को याद नहीं करने देना चाहते हैं। वीर बाल दिवस नाम का बहाना बनाकर सरकार द्वारा किए जा रहे इस शुभ कार्य का विरोध किया जा रहा है।