योगगुरू बाबा रामदेव ने पिछले एक दशक में जिस तरह से पतंजलि ब्रांड का प्रचार-प्रसार कर इसे देश की बड़ी कंपनियों में शामिल कर दिया है, उसके बाद से ही उन पर योग गुरू कम और कारोबारी ज्यादा होने के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही कई तबकों में तो रामदेव पर केंद्र सरकार के समर्थक होने और उससे फायदा पाने के आरोप भी लगे हैं। इस पर रामदेव ने एक टीवी चैनल पर सवाल-जवाब के दौरान सफाई दी है।
रामदेव ने आरएसएस-भाजपा के एजेंट होने के सवाल पर कहा कि मैं भारत माता का एजेंट हूं। आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है, आतंकवादी संगठन तो है नहीं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्यार करता हूं, क्योंकि वे राष्ट्रभक्त हैं। क्योंकि वे आत्मनिर्भर व्यक्ति, गांव, मजदूर, किसान की बात करते हैं। वे दलित, शोषित, वंचितों की बात करते हैं। वो एक सच्चे फकीर और वजीर हैं। वे भारत माता की तकदीर और तस्वीर हैं। मुझे नरेंद्र मोदी के साथ कोई जोड़कर देखता है तो यह आरोप नहीं है, यह मेरे लिए गौरव की बात है।
रामदेव ने ओवैसी और राहुल गांधी को पसंद न करने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “इनसे हमारी कोई खानदानी दुश्मनी नहीं, वैचारिक विरोध है। मैं व्यक्तिगत तौर पर ओवैसी में और राहुल गांधी में भी एक ही तत्व को देखता हूं। मेरा जो भी विरोध है नैतिक है, सैद्धांतिक है, नीतियों को लेकर है, चरित्र को लेकर है। और वह रहना चाहिए। यही तो लोकतंत्र की खूबी है।”
योगगुरु से व्यापारी बनने के सवाल पर रामदेव ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर अब तक आने वाली भारत में टूथपेस्ट से लेकर जहरीला पानी बेचने वाली कंपनियों ने भारत से 1 हजार लाख करोड़ रुपए लूटे हैं। मुझे खुशी है कि मैंने इन MNC के सामने चुनौती नहीं खड़ी की है, बल्कि उनकी जड़ें उखाड़ दी हैं। रामदेव ने कहा कि मैं ऐसा गुरुकुल बना रहा हूं, जो ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड, कैम्ब्रिज से भी बड़ा होगा, पूरी दुनिया यहीं आकर पढ़ेगी। दुनिया भारत आएगी।