हरिद्वार की धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ टिप्पणी कर सुर्खियों में आया यति नरसिंहानंद फंसते दिख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के आरोप में उनको नोटिस जारी किया है। हालांकि नोटिस में ये नहीं लिखा है कि इसका जवाब कौन सी तारीख तक दिया जाना है। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम संदरेश की बेंच ने ये नोटिस जारी किया है।

जनवरी 2022 में शचि नेल्लाई ने अटार्नी जनरल ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने नरसिंहानद सरस्वती उर्फ दीपक त्यागी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी। नरसिंहानंद हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच देने के बाद सुर्खियों में आया था। उन्होंने मुस्लिमों और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं।

अवमानना की कार्रवाई उसके उस इंटरव्यू से जुड़ी है जिसमें उसने संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर सीधे गैर वाजिब टिप्पणी की थीं। इसमें यति ने कहा था कि संविधान 100 करोड़ हिंदुओं को लील जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ उनका कहना था कि जो लोग इस सिस्टम में भरोसा रखते हैं वो कुत्ते की मौत मारे जाएंगे। उनसे धर्म संसद के मामले में चल रही कोर्ट की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया था।

पुलिस के जवानों को कहा था हिजड़ा

नेल्लाई ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि नरसिंहानंद ने जितेंद्र सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी का जिक्र करते हुए कहा था कि जब उसने धर्म परिवर्तन कर अपनी किताब लिखी तो एक भी पुलिस के जवान, हिजड़े पुलिस वाले और नेताओं की हिम्मत नहीं थी जिसमें उसे अरेस्ट करने का साहस होता। नेल्लाई का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट और भारतीय संविधान को लगातार गाली देकर नरसिंहानंद ने सीमाएं लांघ दी हैं। उसने साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट और संविधान की प्रभुसत्ता को ललकारा है।

अक्टूबर में अटार्नी जनरल ने दी थी मंजूरी

जिस महीने उन्होंने चिट्ठी लिखी उसी माह अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने नरसिंहानंद के खिलाफ एक्शन लेने को मंजूरी दे दी। बीते साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने नरसिंहानंद के इंटरव्यू की क्लिप मांगी थी।