आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर दिल्ली के पानी सप्लाई में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने दिल्ली के पूर्व CM के खिलाफ केस किया है। सोनीपत की अदालत ने केजरीवाल के बयान के लिए उन्हें 17 फरवरी को तलब किया है।

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना में खतरनाक स्तर का अमोनिया छोड़ रही है, जिससे दिल्ली की जल आपूर्ति खतरे में पड़ रही है।

चुनाव आयोग के नोटिस पर केजरीवाल का जवाब

वहीं, बुधवार को दिल्ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना जल प्रदूषण के बारे में अपने बयानों के संबंध में चुनाव आयोग के नोटिस पर जवाब दिया था। केजरीवाल ने अपने बयान की विश्वसनीयता साबित करने वाले सबूत पेश करते हुए कहा कि तथ्यों से साबित होता है कि किसी भी कानून या किसी भी संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्‍होंने कहा कि यमुना के पानी पर दी गई मेरी टिप्पणी दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में थी।

दिल्ली में अमोनिया एक समस्या क्यों है?

हरियाणा के पानीपत और सोनीपत जिलों में डाई इकाइयां, डिस्टिलरी और अन्य कारखाने और कॉलोनियों से निकलने वाला सीवेज वजीराबाद में दिल्ली में प्रवेश करने से पहले यमुना को प्रदूषित करते हैं। जिसके चलते नदी के कई गुणवत्ता मापदंड प्रभावित होते हैं, जिसमें घुलित ऑक्सीजन भी शामिल है जो जीरो हो जाती है। सर्दियों के महीनों में स्थिति और खराब हो जाती है क्योंकि नीचे की ओर मीठे पानी की कमी होती है। इसके अलावा, जल उपचार संयंत्र एक भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) से अधिक अमोनिया सामग्री वाले पानी का उपचार नहीं कर सकते। नतीजतन जब नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है तो राजधानी में पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है।

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यमुना में अमोनिया की समस्या से निपटने के लिए सरकारों ने क्या किया है?

दिल्ली और हरियाणा की सरकारें कई सालों से पानी में अत्यधिक अमोनिया की समस्या को हल करने के लिए कोई उचित समाधान निकालने में विफल रही हैं। दिल्ली सरकार ने मार्च 2023 में संकट के तत्काल समाधान के रूप में वजीराबाद तालाब पर एक इन-सीटू अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यह अभी भी निर्माणाधीन है। हरियाणा सरकार ने प्रदूषकों के आपस में मिलने को रोकने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम भी अभी पूरा नहीं किया है।

क्या है अमोनिया?

पानी में आसानी से घुलने वाला अमोनिया एक रंगीन पदार्थ है। अमोनिया के मुख्य स्रोतों में खेती की जमीन से निकलने वाला पानी, अमोनिया का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषक शामिल हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के अनुसार, मानव शरीर में अमोनिया के दीर्घकालिक प्रभाव के कारण आंतरिक अंगों को नुकसान हो सकता है।

अमोनिया युक्त जल का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?

दिल्ली जल बोर्ड के जल उपचार संयंत्र अत्यधिक अमोनिया के उपचार के लिए क्लोरीन का उपयोग करते हैं। अधिकारियों के अनुसार, एक पीपीएम अमोनिकल नाइट्रोजन को बेअसर करने के लिए प्रति घंटे प्रति लीटर पानी में 11.5 किलोग्राम क्लोरीन की आवश्यकता होती है। ट्रीटमेंट के बाद भी पानी में क्लोरीन की कुछ मात्रा रहनी चाहिए ताकि रोगाणुओं को बेसर किया जा सके। पढ़ें- नायब सैनी ने पिया यमुना का पानी, केजरीवाल को सोनीपत कोर्ट ने भेजा नोटिस