अमदाबाद। प्रोटोकाल से हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने गृह प्रदेश में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का भव्य स्वागत किया। साथ ही दिल्ली में गुरुवार को होने वाली शिखर स्तरीय वार्ता का आधार तैयार किया जिसमें राजनीतिक और आर्थिक संबंधों की नई इबारत लिखे जाने की उम्मीद की जा रही है।
राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के एक साल बाद चीनी नेता ने अपनी पहली भारत यात्रा की शुरुआत अमदाबाद से की। अमदाबाद में कारोबारी कामकाज पूरा करने के बाद शी ने मोदी के साथ साबरमती नदी के तट पर ढलते सूरज के बीच नयनाभिराम साबरमती रिवरफ्रंट पर शाकाहारी गुजराती भोजन का लुत्फ उठाया।
मोदी ने शी की इस यात्रा को अलग रूप प्रदान करने का प्रयास किया और शहर में आने पर शी और उनकी पत्नी के लिए बेहतरीन मेजबान की भूमिका निभाई। इस दौरान भारत और चीन ने गुजरात से संबंधित तीन विशिष्ट समझौतों पर हस्ताक्षर किए। शी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एअर चाइना के एक विशेष विमान से यहां हवाई अड्डा पहुंचे। शी यहां हयात होटल आए जहां मोदी ने उनकी अगवानी की और इसके बाद दोनों के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई।
शहर में शी और उनकी पत्नी का शानदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत में यहां विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए थे जो चीनी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा में थे। दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी देखी गई हालांकि शी की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब खबर है कि चीनी खानाबदोशों ने वहां चीनी सैनिकों की मदद से भारत के लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ की है। इस स्थिति से दोनों पक्षों के लिए जटिल सीमा मुद्दे का समाधान निकालने के समक्ष कठिन चुनौती पेश होने के संकेत हैं। मोदी और शी की मौजूदगी में तीन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में चीन के गुआंगझाउ शहर और अमदाबाद के बीच सिस्टर सिटी समझौता और राज्य में औद्योगिक पार्कों की स्थापना से जुड़ा करार शामिल है। इसके साथ ही दोनों प्रांतों के बीच सांस्कृतिक व सामाजिक संबंधों के विकास के लिए गुजरात सरकार और गुआंगदोंग प्रांत की ओर से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इसके पहले प्रधानमंत्री ने चीनी नेता और उनकी पत्नी फेंग लियूआन का हयात होटल पहुंचने पर स्वागत किया। मोदी ने दंपति को गुलदस्ते भेंट किए। इस मौके पर लियूआन ने घुटनों तक लंबाई वाले हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहने थे। अपनी भारत यात्रा की शुरुआत के लिए शी के प्रोटोकाल से अलग हटकर गुजरात को चुनने को कई लोग दोनों नेताओं के बीच मधुर संबंधों के संकेत के तौर पर देख रहे हैं। दंपति के अमदाबाद हवाई अड्डा उतरने पर गार्ड ऑफ ऑनर के अलावा वहां पारंपरिक गुजराती नृत्य भी पेश किया गया।
शी की तीन दिवसीय यात्रा का उद्देश्य व्यापार व निवेश को बढ़ावा देना है। इसके अलावा दोनों देश सीमा विवाद सहित विभिन्न अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। बुधवार को ही मोदी का 64वां जन्मदिन भी है। समारोह के दौरान मोदी और शी के अलावा मुख्यमंत्री आनंदी पटेल और उनके कैबिनेट सहयोगी, चीनी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और गुजरात के कई प्रमुख उद्योगपति भी मौजूद थे।
मोदी के साथ चीन के राष्ट्रपति अमदाबाद के आश्रम रोड पर स्थित साबरमती आश्रम भी गए और चीनी नेता को इसके ऐतिहासिक महत्त्व से अवगत कराया। यह महात्मा गांधी का आश्रम था। शी ने चरखा भी चलाया। इसके बाद दोनों साबरमती रिवरफ्रंट गए जहां भारत यात्रा पर आए गणमान्य लोगों का गुजराती परंपराओं और संस्कृति के साथ स्वागत किया गया।
अमदाबाद आने पर भारत और चीनी पक्ष के बीच कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए। इनमें औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए समझौते पर चाइना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात सरकार के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो ने हस्ताक्षर किए। इसमें द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और राज्य में औद्योगिक पार्कों की स्थापना, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए परिकल्पना की गई है। अधिकारियों ने कहा कि इन तीन एमओयू से गुजरात और चीन के बीच सेवाओं और विचारों का आदान-प्रदान सुगम हो सकेगा।
शी की यात्रा लद्दाख के देमचाक इलाके में नए गतिरोध के बीच ऐसे समय हो रही है जब खबर है कि चीनी खानाबदोशों ने वहां चीनी सैनिकों की मदद से भारतीय क्षेत्र के अंदर सिंचाई नहर के लिए जारी कार्य के खिलाफ विरोध में तंबू खड़े कर लिए। मोदी और शी की संक्षिप्त बैठक हुई। दोनों गुरुवार को दिल्ली में विस्तृत चर्चा करेंगे। इसके बाद दोनों पक्षों के कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। उन समक्षौतों से रेलवे और औद्योगिक पार्कों सहित विभिन्न क्षेत्रों में चीनी निवेश मुहैया हो सकेगा।
इस यात्रा में आर्थिक और व्यापार मुद्दों पर जोर दिए जाने की चर्चा के बीच शी के रेलवे, विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चीनी निवेश की घोषणा करने की संभावना है। मोदी की हालिया तोक्यो यात्रा के दौरान जापान ने 35 अरब डालर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी। चीनी अधिकारियों का कहना है कि चीन भारतीय रेल के आधुनिकीकरण, औद्योगिक पार्कों की स्थापना और आधारभूत ढांचे से संबंधित बड़ी परियोजनाओं में 100 अरब डालर से 300 अरब डालर के बीच निवेश की प्रतिबद्धता जता सकता है।
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार संसार में सबसे ज्यादा है और यह मार्च में 3,950 अरब डालर की रेकार्ड ऊंचाई तक पहुंच गया था। चीन की योजना अगले पांच सालों में विदेशों में 500 अरब अमेरिकी डालर का निवेश करने की है और उम्मीद है कि इसमें एक बड़ा हिस्सा भारत में निवेश किया जा सकता है।
साठ साल के शी के साथ स्टेट कांैसिलर यांग जीची, विदेश मंत्री वांग यी, वाणिज्य मंत्री गावो हुचेंग के अलावा कई उद्योगपति और अन्य नेता भी आए हैं। शी की यात्रा के पहले भारत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस यात्रा से दोनों देशों के हितों और चिंताओं का हल होगा। शी भारत की यात्रा पर आने वाले तीसरे चीनी राष्ट्रपति हैं। इसके पहले 2006 में हू जिनताओ और 1996 में जियांग जेमिन भारत की यात्रा पर आए थे। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध सामान्य अंकगणित से आगे जाना चाहिए और उन्हें विश्वास है कि दोनों पड़ोसी सहयोग को बढ़ाकर इतिहास रचेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच अद्भुत तालमेल है। यह पूरी मानवता के लिए उज्ज्वल भविष्य सृजित करने के साथ अहम घटनाक्रम बन सकता है।