कश्मीर घाटी में फिर से आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी होने लगी है। बीते पांच दिनों में आतंकियों ने सात लोगों की हत्या की है जिनमें चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। कश्मीर में बढ़ रहे आतंकी घटनाओं के मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान जब भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि हर एक आतंकी को चुन चुन कर मारा जाएगा तो डिबेट में ही मौजूद रहे नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि आप भाषण मत दीजिए।
दरअसल आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि हर एक आतंकी को चुन-चुन कर मारा जाएगा, आतंकवादियों के प्रायोजकों को घुस कर मारा जाएगा और आतंकवादियों के समर्थकों पर जमकर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई हो भी रही है। भाजपा प्रवक्ता के इतना कहते ही टीवी डिबेट में मौजूद रहे नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार उन्हें बीच में टोकते हुए कहने लगे कि आप ये अपना भाषण अपने पास रखिए।
आगे इमरान डार कहने लगे कि अगर बीजेपी नेतृत्व को इतनी सी सहानुभूति है तो दिल्ली से यहां क्यों नहीं आए। आप मारे गए लोगों को सांत्वना देने दिल्ली से क्यों नहीं आए. आप वहां से बैठकर हमको लेक्चर कर रहे हैं। लेकिन आप सांत्वना देने के लिए दिल्ली से क्यों नहीं आए। बीजेपी का कोई भी बड़ा लीडर क्यों नहीं आया? इसके बाद दोनों के बीच जमकर तू तू मैं मैं हुई। दोनों एक दूसरे के ऊपर तरह तरह के आरोप लगाने लगे। हालांकि बाद में एंकर के हस्तक्षेप करने के बाद दोनों चुप हो गए।
गौरतलब है कि गुरुवार को आतंकवादियों ने ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में घुसकर स्कूल के प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और टीचर दीपक चंद की हत्या कर दी। इससे पहले आतंकियों ने श्रीनगर के इकबाल पार्क स्थित बिंदरू मेडिकल के मालिक माखन लाल बिंदरू के ऊपर गोली से हमला कर दिया था। बाद में अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई। मंगलवार को ही आतंकियों ने लाल बाजार इलाके में वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी। वीरेंद्र पासवान बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे और गोलगप्पे बेचा करते थे।
गुरुवार को ईदगाह इलाके में स्थित स्कूल के दो टीचर की हत्या पर जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में कुछ दिनों से आम नागरिकों को निशाना बनाने की जो घटनाएं हो रही हैं। ये अपने आप में दरिंदगी और दहशत का मेल है। निर्दोष लोग जो समाज के लिए काम कर रहे हैं और जिनका किसी से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। यह डर का माहौल बनाने और सांप्रदायिक रंग देकर आपसी भाईचारा बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि इस साल आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में करीब 25 लोगों की जान ली है. जिसमें श्रीनगर के 10, पुलवामा के 4, अनंतनाग के 4, कुलगाम के 3, बारामूला के 2, बडगाम के एक और बांदीपोरा के एक व्यक्ति शामिल थे।